संभल हिंसा मामले में शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को एसआईटी टीम ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायालय ने उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में मुरादाबाद जेल भेज दिया। जफर अली को पुलिस द्वारा जिस वाहन में ले जाया गया, उसके साथ वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
कोर्ट में पेशी और न्यायिक हिरासत
शाही जामा मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली को उनके बेटे के साथ पूछताछ के लिए संभल थाने बुलाया गया था। वहां से उन्हें कोतवाली से चंदौसी कोर्ट ले जाया गया, जहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद कोतवाली की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और वहां पीएसी और आरआरएफ की तैनाती की गई है।
संभल हिंसा में चार लोगों की मौत
24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। न्यायिक जांच आयोग में सोमवार को जफर अली का बयान दर्ज कराया जाना है।
न्यायिक आयोग द्वारा बयान दर्ज
संभल हिंसा मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम दो दिनों के लिए संभल आई थी। पहले दिन 29 और दूसरे दिन लगभग 15 बयान दर्ज किए गए। इस दौरान संभल के डीएम, एसडीएम और एडीएम का भी बयान लिया गया।
चार्जशीट में 124 आरोपियों के नाम
पुलिस ने इस मामले में 124 आरोपियों के खिलाफ 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इसके अलावा, 12 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जिनमें 2750 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस की कार्रवाई के तहत अभी भी कई संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
संभल हिंसा मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है और जांच प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। जफर अली की गिरफ्तारी के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगामी दिनों में और भी कार्रवाई होने की संभावना है।