Kanhaiya Kumar : कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार बिहार में नई सड़कों-औद्योगीकरण का क्यों कर रहे विरोध?

Authored By: News Corridors Desk | 27 Mar 2025, 02:46 PM
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बिहार में आज भी लोग पलायन के दर्द को दिल से अनुभव करते हैं। परदेश जाकर कमाने का दर्द आज भी एक बिहारी मानस को अखड़ता है। यही कारण है कि दशकों से बिहार के औद्योगीकरण की मांग करते रहे। अब एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा के केंद्र में आ गया है क्योंकि कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार में 'नौकरी दो, पलायन रोको' यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होनें बिहार यात्रा के दौरान बड़ी सड़कों के निर्माण पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की नजर बिहार के जल संसाधनों पर है। अब कन्हैया कुमार की सोच को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होनें आगे कहा कि बिहार को लूटने की योजना बनाई जा रही है। उनके इस बयान की वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जा रहा है। साथ ही, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा जा रहा है। 

क्या बोले कन्हैया कुमार? 

कन्हैया कुमार का कहना है कि ये सड़कें बिहार का पानी लूटने के लिए बनाई जा रही हैं। क्‍योंकि बिहार के पास बहुत पानी है। कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में पहले उद्योग क्यों नहीं आए और अब क्‍यों निवेश आ रहा है। कन्हैया ने कहा है कि बिहार के पास बहुत पानी है, इसलिए यहां सड़कें बनाई जा रही हैं। उनके कहने का मतलब है कि ये सड़कें बिहार का पानी लूटने के लिए बनाई जा रही हैं। हालांकि अनजाने में ही सही कन्हैया कुमार ने यह मान तो लिया अब तक बिहार में सड़कें नहीं थी। उन्होंने इसको केंद्र सरकार की एक साजिश के तहत जोड़ते हुए कहा है कि भविष्य में पानी पेट्रोल से भी महंगा होने वाला है। इसलिए सभी उद्योगपतियों की नजर बिहार के जल संसाधन पर है। उन्होनें आगे कहा कि - 'यहां जो बड़ी-बड़ी सड़कें बन रहीं हैं, हमारे पास तो इनकम नहीं है तो यह लोग सड़क बना रहे हैं, आखिर किसके लिए सड़क बना रहे हैं ? यहां के संसाधन को लूट कर ले जाने के लिए?' 

क्या कांग्रेस रोक देगी सड़कों का निर्माण?

कन्हैया कुमार ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चाहती है कि इस बार बिहार में किसी तरह उनकी सरकार बनें। भाजपा का मुख्यमंत्री बनने का मतलब है कि बिहार का संसाधन अडानी के हाथ में होगी। कन्हैया कुमार के इस बयान के बाद बिहार में राजनीति गर्मा गई है। शायद कन्हैया कुमार यह भूल गए हैं कि वह अब कांग्रेस पार्टी में हैं, जो लगातार औद्योगिकीकरण पर बल देती रही है। बिहार में उद्योगों की खस्ताहाली को लेकर सवाल उठाती रही है। अब सवाल ये है कि क्या उनकी इस नई फिलॉसफी से क्या बिहार का फायदा होने वाला है? या फिर उनके सवालों से बिहार में निवेश, उद्योग और यहां के विकास में बाधा आने वाली है?