दिल्ली। बर्लिन जा रही एक नेपाली नागरिक को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे IGI पर रोककर उसे काठमांडू भेजने के मामले में आब्रजन अधिकारियों ने साफ़ किया है कि इसमें भारत की कोई भूमिका नहीं है।
पहले खबरों में बताया गया था कि बर्लिन जा रही नेपाली नागरिक शांभवी अधिकारी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे IGI पर रोक दिया गया और उन्हें काठमांडू वापस भेज दिया गया। आब्रजन विभाग ने कहा कि इस घटना को नेपाली नागरिकों के प्रति भेदभाव के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
विभाग ने इस बारे मे स्पष्ट किया है कि इस पूरे प्रकरण में भारतीय आव्रजन अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं है। यह महिला यात्री एयर इंडिया के विमान से काठमांडू से आई थी और दिल्ली से होकर गुजर रही थी। कतर एयरवेज की संपर्क फ्लाइट में सवार होते समय उसे रोक दिया गया। एयरलाइन्स ने ही उसके वीज़ा की वैधता को देखते हुए उसे जर्मनी की आगे की यात्रा करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय किया और उसे वापस काठमांडू भेज दिया।
विभाग ने साफ़ किया कि यह आमतौर पर गंतव्य देश के नियमों और जरूरतों के अनुसार किया जाता है। विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि महिला यात्री ने इसके बाद अपनी यात्रा की तारीखें बदलीं और बाद में काठमांडू से दूसरे रास्ते से यात्रा की।
आब्रजन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय ट्रांजिट यात्रियों को अपनी आगे की यात्रा के लिए भारतीय आव्रजन विभाग से संपर्क करने की ज़रूरत नहीं है और यह एयरलाइन्स और यात्री के बीच का मामला है।
विभाग ने कहा कि भारत नेपाल के साथ अपने मजबूत संबंधों को महत्व देता है और आश्वस्त करता है कि कोई भी भारतीय प्राधिकारी नेपाल के नागरिकों के प्रति कोई पूर्वाग्रह या भेदभाव नहीं रखता है।