नवा रायपुर। विश्व शांति की अवधारणा को भारत का मौलिक विचार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ग्लोबल पीस के मिशन में जितनी अहमियत विचारों की होती है, उतनी ही बड़ी भूमिका व्यवहारिक नीतियों और प्रयासों की भी होती है। आज दुनिया में कहीं भी कोई संकट आता है, कोई आपदा आती है, तो भारत एक भरोसेमंद साथी के तौर पर मदद के लिए आगे आता है, तुरंत पहुंचता है। भारत First Responder होता है।
नवा रायपुर में शांति शिखर - ब्रह्माकुमारीज़ ध्यान केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अभी से भविष्य के प्रति अपनी इन जिम्मेदारियों को समझ भी रहा है, और उन्हें निभा भी रहा है। One Sun, One World, One Grid जैसे भारत के Initiatives, One Earth, One Family, One Future का भारत का विज़न, आज दुनिया इसके साथ जुड़ रही है। भारत ने geopolitical boundaries से अलग, मानव मात्र के लिए मिशन LiFE भी शुरू किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के बीच भारत पूरे विश्व में प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बना हुआ है। बहुत आवश्यक है कि हमें प्रकृति ने जो दिया है, हम उसका संरक्षण करें, हम उसका संवर्धन करें। और ये तभी होगा, जब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखेंगे।
मोदी ने कहा कि समाज को निरंतर सशक्त करने में ब्रह्मकुमारीज़ जैसी संस्थाओं की अहम भूमिका है। उन्होंने विश्वास जताया कि शांति शिखर जैसे संस्थान भारत के प्रयासों को नई ऊर्जा देंगे। और इस संस्थान से निकली ऊर्जा, देश और दुनिया के लाखों करोड़ों लोगों को विश्व शांति के इस विचार से जोड़ेगी।