बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान गुरुवार को सकुशल पूरा हो गया।पहले चरण में राज्य के इतिहास काअब तक का सबसे ज्यादा मतदान हुआ। पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ लाइव-वेबकास्टिंग के माध्यम से मतदान पर कड़ी नजर रखी। इसे बिहार में पहली बार शत प्रतिशत मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने व्यक्तिगत रूप से निर्वाचन आयोग के नियंत्रण कक्ष के पीठासीन अधिकारियों और डीईओ के साथ बातचीत की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान सुचारू रूप से आगे बढ़े। राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को वोट डाले गए। पहले चरण में कुल मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ 75 लाख से अधिक थी। बिहार में पहली बार इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम IIVP के 6 देशों दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बेल्जियम और कोलंबिया के 16 प्रतिनिधियों ने चुनाव की कार्यवाही देखी। प्रतिनिधियों ने बिहार चुनाव के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे सुसंगत, पारदर्शी, कुशल और सहभागी चुनावों में से एक होने के लिए सराहना की।
चुनाव लड़ने वाले 1,314 उम्मीदवारों की तरफ़ से नियुक्त 67,902 से अधिक पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में सुबह 7 बजे से पहले मॉक पोल पूरा हो गया और सभी 45,341 मतदान केंद्रों पर एक साथ मतदान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पर्दानशीन महिलाओं की पहचान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर एक CAPF कर्मियों के साथ 90,000 से अधिक जीविका दीदी व महिला स्वयंसेवकों को तैनात किया गया था। मतदाताओं के अनुकूल कई नई पहलों के अंतर्गत EVM मतपत्रों पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाई गईं थीं। मतदान केंद्रों पर मोबाइल जमा की सुविधा, आसानी से पढ़ने के लिए नई डिजाइन की गई मतदाता सूचना पर्ची VIS और मतदान केंद्र पर भीड़ को कम करने के लिए प्रति मतदान केंद्र 12 सौ मतदाताओं तक संख्या सीमित करने का इंतज़ाम किया गया था। दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए सभी मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर और स्वयंसेवकों की टैगिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।