मेरठ में सड़क पर नमाज पढ़ने से रोक, जयंत चौधरी ने उठाए सवाल

Authored By: News Corridors Desk | 27 Mar 2025, 05:24 PM
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 उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस प्रशासन ने ईद की नमाज को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, सड़कों पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, आरोपी का पासपोर्ट भी रद्द किया जा सकता है। सिटी एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि ईद की नमाज सिर्फ मस्जिदों और तयशुदा स्थानों जैसे फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में ही पढ़ी जाएगी।

जयंत चौधरी का विरोध

एनडीए की सहयोगी पार्टी और केंद्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने मेरठ पुलिस के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने इस आदेश की तुलना प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 में दर्शाई गई निरंकुश पुलिसिंग से की।

क्या है ऑरवेलियन 1984 

जयंत चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "ऑरवेलियन 1984 की ओर पुलिसिंग।" उन्होंने अपने पोस्ट के साथ आरएसएस के अंग्रेजी मुखपत्र ऑर्गनाइजर के एक लेख को भी कोट किया। 1984 उपन्यास में एक ऐसी सरकार का चित्रण किया गया है जो अपने नागरिकों पर कड़ी नजर रखती है, उनकी स्वतंत्रता को सीमित करती है और विरोध की हर आवाज को दबाने का प्रयास करती है। जयंत चौधरी का इशारा इसी ओर था कि यूपी पुलिस का रवैया भी इसी तरह का हो गया है।

सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला?

मेरठ प्रशासन का कहना है कि यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। बीते वर्षों में सड़कों पर नमाज पढ़ने को लेकर कई बार विवाद हुए हैं, जिनसे कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हुई है। पुलिस का तर्क है कि धार्मिक आयोजन तय स्थानों पर ही किए जाएं ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

मेरठ पुलिस के इस आदेश के बाद राजनीति भी गरमा गई है। एक तरफ जयंत चौधरी ने सरकार पर निशाना साधा है, तो दूसरी तरफ प्रशासन अपने फैसले के बचाव में है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर सार्वजनिक स्थानों का उपयोग उचित है, या फिर सुरक्षा कारणों से यह प्रतिबंध सही है?

मेरठ में ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन के आदेश से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जहां एक पक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश बता रहा है, वहीं प्रशासन इसे कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए जरूरी कदम मान रहा है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और भी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।