वाराणसी। हिन्दू मान्यता के अनुसार देवोत्थान एकादशी को श्रीहरि विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जाग गए हैं जिसके बाद चार महीने से बंद शुभ एवं मांगलिक कार्य फिर से शुरू होने का रास्ता खुल गया है लेकिन विवाह के मुहूर्त के लिए 22 नवंबर तक इंतज़ार करना होगा।
पंडितों के अनुसार, देवोत्थान एकादशी के बाद तिलक, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवीत जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे लेकिन वैवाहिक कार्याक्रमों के लिए इंतज़ार करना होगा। 22 नवंबर से विवाह का शुभ मुहूर्त मिलना आरंभ होंगा। इस वर्ष नवंबर और दिसंबर को मिलाकर सिर्फ आठ दिन ही विवाह के शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेगे।
पंचांग के जानकारों के अनुसार 2025 के नवंबर में छह दिन और दिसंबर में मात्र दो दिन चार व पांच दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं।
सात-आठ दिसंबर को कोई नक्षत्र नहीं मिल रहा तो नौ दिसंबर से शुक्र ग्रह वार्धक्य आरंभ हो जाएगा। 11 दिसंबर को शुक्र अस्त हो जाएंगे और इसके बाद लग्न मुहूर्त नहीं है।
उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर से खरमास आरंभ होगा। इस बार खरमास आरंभ होने के 11 दिन पूर्व ही लग्न समाप्त हो जाएंगे। खरमास 14 जनवरी 2026 को रात 9:39 बजे खत्म होगा। इसके बाद मकर संक्रांति का पुण्यकाल आरंभ होगा, लेकिन शुक्र अस्त होने के कारण वैवाहिक लग्न पूरी जनवरी में नहीं हैं।
लग्न का दूसरा दौर चार फरवरी 2026 से शुरू होगा। फिर फरवरी 2026 में 14 दिन और मार्च में छह दिन लग्न के मिलेंगे। 15 मार्च से पुन: खरमास लग जाएगा।
ऐसे में अगर सनातन परम्परा के मुताबिक़ शुभ लग्न में विवाह करना है तो माता पिता और वर वधु को विशेषज्ञों से अभी से सलाह मशविरा कर लेना चाहिए ताकि शुभ लग्न की तारीखें कम होने की वजह से होटल टेंट आदि बुक कराने में आसानी हो।
Auspicious Dates ForWeddings 2025-26
विवाह के शुभ मुहूर्तों की तिथियां
नवंबर- 22, 23, 24, 25, 29, 30
दिसंबर- 4, 5
फरवरी- 4, 5, 6, 10, 11, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 24, 25, 26
मार्च- 9, 10, 11, 12, 13, 14