अफ्रीकन ट्रस्ट ने भारत को सौंपी गांधीजी की धरोहर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी जानकारी

Authored By: News Corridors Desk | 23 Mar 2025, 05:32 PM
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दक्षिण अफ्रीका के फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट-गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट ने महात्मा गांधी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भारत को सौंपे हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस ऐतिहासिक क्षण की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से दी। उन्होंने पोस्ट के साथ कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें दस्तावेजों को सौंपे जाने का दृश्य देखा जा सकता है।

विदेश मंत्री ने एक्स पर किया पोस्ट

इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा, "दक्षिण अफ्रीका के फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट-गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा महात्मा गांधी से संबंधित कलाकृतियों और दस्तावेजों को राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, नई दिल्ली को सौंपे जाने के अवसर पर मुझे बहुत खुशी हुई। बापू का जीवन और संदेश आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।" इस पोस्ट के साथ उन्होंने दस्तावेजों को सौंपे जाने की तस्वीरें भी साझा की हैं।

महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका का ऐतिहासिक संबंध

महात्मा गांधी ने अपने जीवन के प्रारंभिक वर्षों में दक्षिण अफ्रीका में एक वकील के रूप में कार्य किया था। वहीं से उन्होंने अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह की अवधारणा को विकसित किया। दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए उन्होंने फीनिक्स सेटलमेंट की स्थापना की, जो उनके सामाजिक और राजनीतिक विचारों का केंद्र बना। अफ्रीका में बिताए गए वर्षों ने उनके विचारों को मजबूत किया और आगे चलकर भारत में स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने में मदद की।

ऐतिहासिक दस्तावेजों की वापसी

गांधीजी से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों और कलाकृतियों का भारत लौटना एक ऐतिहासिक क्षण है। इन दस्तावेजों को राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, नई दिल्ली को सौंपा गया है, जिससे देश के लोग गांधीजी के जीवन और विचारों को और अधिक गहराई से समझ सकेंगे। ये दस्तावेज आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे और बापू की शिक्षाओं को जीवंत बनाए रखेंगे।

महात्मा गांधी: पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा

महात्मा गांधी का जीवन और उनके विचार केवल भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पूरी दुनिया में प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका संदेश सत्य, अहिंसा और सादगी पर आधारित है, जिसने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी, बल्कि दुनिया के कई आंदोलनों को भी प्रेरित किया। दक्षिण अफ्रीका में स्थित फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट-गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा भारत को सौंपे गए दस्तावेज इस ऐतिहासिक संबंध को और मजबूत करते हैं।

महात्मा गांधी की धरोहर का भारत लौटना देश के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। इन दस्तावेजों से न केवल गांधीजी के जीवन को और अधिक समझने में मदद मिलेगी, बल्कि उनकी शिक्षाएं भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रेरित करेंगी। इस पहल के लिए दक्षिण अफ्रीका के फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट-गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया जाना चाहिए, जिन्होंने बापू की विरासत को सहेजकर भारत को लौटाया।