दिल्ली। बंगाल की खाड़ी चे उपर बने कम दबाव के क्षेत्र के 26 अक्टूबर तक गहरे दबाव में बदलने और 27 तारीख की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।
इस आशंका को देखते हुए शनिवार को एक हाई लेवल मीटिंग में हालात और बचाव की तैयारियों की समीक्षा की गई ।कैबिनेट सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए चक्रवात से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने समिति को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी। यह दबाव 7 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लगभग पश्चिम की ओर बढ़ गया है और 25 अक्टूबर 2025 को 11:30 बजे तक चेन्नई (तमिलनाडु) से 950 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से 960 किलोमीटर दक्षिणपूर्व, काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से 970 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और गोपालपुर (ओडिशा) से 10:30 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है। इसके लगभग पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और 26 तारीख तक एक गहरे दबाव में बदलने और 27 तारीख की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।
इसके बाद, इसके उत्तर-पश्चिम की ओर, फिर उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 28 अक्टूबर की सुबह तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह भीषण चक्रवाती तूफान मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है।तूफान की अधिकतम गति 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुद्दुचेरी के मुख्य सचिवों और ओडिशा के अपर मुख्य सचिव ने समिति को चक्रवाती तूफान के संभावित मार्ग में लोगों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे तैयारी संबंधी उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से अवगत कराया।
समिति के ध्यान में यह भी लाया गया कि पर्याप्त आश्रय और निकासी व्यवस्था की गई है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमों को तैयार रहने को कहा गया है। जिला नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।