अक्सर हम घरों के बाहर निंबू-मिर्ची या अन्य टोटके देखते आए हैं, लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में एक नई परंपरा देखने को मिल रही है। लोगों ने अपने घरों के बाहर लाल और नीले रंग के पानी से भरी बोतलें लटकाना शुरू कर दिया है। यह नज़ारा देखकर लोग हैरान हैं और सोच रहे हैं कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है।
क्या है इस अनोखे टोटके की वजह?
लोगों का मानना है कि ये बोतलें कुत्तों को घरों और गलियों से दूर रखने में मददगार होती हैं। हाल के दिनों में कई इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन कुत्तों के काटने और झुंड में घूमने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। ऐसे में लोग इसे एक कारगर उपाय मानकर अपना रहे हैं।
वैज्ञानिक आधार या केवल अंधविश्वास?
लाल और नीले पानी से भरी बोतलों के प्रभाव को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन फिर भी लोग इसे अपनाने में पीछे नहीं हट रहे। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लाल और नीला रंग कुत्तों की दृष्टि में अलग तरीके से प्रतिबिंबित होता है, जिससे वे भ्रमित हो सकते हैं और दूर रहने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इस तर्क की कोई पुष्टि नहीं हुई है।;
अभी तक इस टोटके की सफलता को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इससे कुत्तों की संख्या में कुछ कमी आई है, जबकि अन्य लोगों को कोई विशेष बदलाव महसूस नहीं हुआ।
यदि आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर होती जा रही है, तो इसके लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने की जरूरत है। कुत्तों की नसबंदी, वैक्सीनेशन और पुनर्वास जैसे कदम ज्यादा प्रभावी साबित हो सकते हैं। इसके बजाय केवल टोटकों पर निर्भर रहना स्थायी समाधान नहीं हो सकता।
घर के बाहर लाल या नीले पानी की बोतलें लटकाने की यह परंपरा लोगों के बीच तेजी से फैल रही है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन लोग इसे एक संभावित उपाय मानकर अपना रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि आवारा कुत्तों की समस्या को हल करने के लिए अधिक व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाए।