रामकथा में महिलाओं और समाज पर स्वामी रामभद्राचार्य के विवादित बयान: अन्य धर्मों में महिलाओं को ‘बेबी’ या ‘बीवी!

Authored By: News Corridors Desk | 15 Sep 2025, 07:03 PM
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अबतक नेताओं के बयान ही विवाद का विषय बनते थे लेकिन अब तो धर्म गुरुओं के विवाद भी चिंगारी भड़का दे रहे हैं, चाहें अनिरुद्धाचार्य हों या बाबा बागेश्वर या फिर प्रेमानंद महाराज हों या रामभद्राचार्य, सनातन के प्रचार में जुटे ये संत कभी कभी ऐसे बयान दे जाते हैं जो इसने अनुयायियों के लिए बहुत सही होते हैं लेकिन बाहर की दुनिया में इनकी चर्चा विवादों का कारण बन जाती है, देखिए रामभद्राचार्य के प्रेमानंद पर दिए बयान पर कितना बवाल हुआ था अभी वो थमा नहीं था कि एक नया बयान आ गया है।

मेरठ के विक्टोरिया पार्क में चल रही रामकथा में रामभद्राचार्य ने महिलाओं के अधिकार, कॉन्वेंट स्कूलों और अन्य धर्मों की तुलना करते हुए, एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि अन्य धर्मों में महिलाओं को  बेबी या बीवी कहा जाता है लेकिन हिंदू धर्म में मां को पिता से बड़ा दर्जा दिया गया है। वहीं मुस्लिम महिलाएओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा  मुस्लिम महिलाओं की स्थिति बहुत बेकार है। वहां महिलाओं की दुर्गति होती है, एक महिला से 25-25 बच्चे पैदा किए जाते हैं और तीन तलाक जैसी घटनाएँ भी देखने को मिलती हैं। इसके अलावा, अन्य धर्मों में महिलाओं को ‘बेबी’ या ‘बीवी’ जैसे नामों से बुलाया जाता है।

स्वामी रामभद्राचार्य का बच्चों की शिक्षा और संख्या पर विवादित बयान!

यह पहला मौका नहीं है, जब स्वामी रामभद्राचार्य का बयान सुर्खियों में आया हो। दो दिन पहले ही उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ‘मिनी पाकिस्तान‘ जैसा बताते हुए हिंदुओं से मुखर होने की अपील की थी। उनके इस बयान को लेकर खूब विवाद हुआ। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने इसे न सिर्फ मुसलमानों बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अपमान बताया 
था।

स्वामी रामभद्राचार्य ने बच्चों की संख्या और शिक्षा पर कहा था कि ज्यादा संतानें पैदा करना व्यक्ति को नरक की ओर ले जाता है, इसलिए परिवार में 2 से 3 ही बच्चे होने चाहिए – चाहे वे बेटियां हों या बेटे, उन्हें संस्कारी बनाना जरूरी है। बच्चों की शिक्षा पर उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल या मदरसे में न भेजें, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक और पारंपरिक आदर्शों से जोड़ने के लिए सरस्वती विद्यालय में पढ़ाएं।

स्वामी रामभद्राचार्य का आरक्षण को लेकर  बयान!

स्वामी रामभद्राचार्य ने संसद में महिलाओं को दिए गए 33 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी राय दी और कहा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में और अधिक अधिकार मिलने चाहिए। उनका कहना था, कि समाज में महिलाओं को ऊँचा दर्जा देने की परंपरा हिंदू धर्म से ही शुरू हुई है।  रामकथा में दिए गए उनके इन बयानों ने लोगों के बीच जोरदार बहस और चर्चा का माहौल बना दिया है। क्या आप उनके इस बयान से सहमत हैं या आपका मत अलग है इस विषय पाए हमे  कमेंट सेक्शन में जरूर बताए।

बयानों की गहराई को समझेंगे तो लगेगा कि इनमें दम है, लेकिन एक को अच्छा बताने के लिए दूसरे की बुराई या निंदा कहां तक सही है। ये तो रामभद्राचार्य जैसे संत ज्यादा अच्छे से समझ सकते है आपकी राय क्या है हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।