56वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव IFFI गुरुवार को गोवा में शुरु हो रहा है और यह 28 नवंबर तक पूरे नौ दिन चलेगा। इस वर्ष IFFI 2025 को एक अविस्मरणीय सिनेमाई उत्सव के रूप में एक यादगार सिनेमैटिक सेलिब्रेशन के तौर पर तैयार किया गया है। इफ्फी का आगाज गोवा की सड़कों पर आयोजित परेड के साथ हुआ। इस भव्य परेड का नेतृत्व आंध्र प्रदेश, हरियाणा और गोवा की शानदार झाँकियाँ प्रस्तुत की गईं।
"भारत एक सूर" के तहत, सौ लोक कलाकार राष्ट्र के कोने-कोने के नृत्यों को एक ऊँची और गूँजती लय में पिरोया। इस समारोह में चार चाँद लगाते हुए, बच्चों के चहेते पात्र—छोटा भीम, छुटकी, मोटू पतलू और बिट्टू बहानेबाज़—भी दर्शकों को पुरानी यादों और मनोरंजन से सराबोर किया। इस वर्ष के बुके यानी आयोजन सूची में 15 प्रतिस्पर्धी और क्यूरेटेड सेगमेंट शामिल हैं। इनमें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फीचर फिल्म (डायरेक्टर की बेस्ट डेब्यू फीचर फिल्म), आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जैसे प्रमुख खंड शामिल हैं।
इसके अलावा, विशेष खंडों में मैकाब्रे ड्रीम्स, डॉक्यू-मोंटाज, एक्सपेरिमेंटल फिल्म्स, यूनिसेफ और रिस्टोर्ड क्लासिक्स भी शामिल किए गए हैं।
इस संस्करण में इफ्फी कई महान फिल्म निर्माताओं और कलाकारों की जन्म शताब्दी पर उन्हें सम्मान अर्पित करेगा, जिनमें गुरु दत्त, राज खोसला, ऋत्विक घटक, पी. भानुमति, भूपेन हज़ारिका और सलिल चौधरी शामिल हैं। इस अवसर पर, सलिल चौधरी की 'मुसाफ़िर' और ऋत्विक घटक की 'सुवर्णरेखा' फ़िल्में इफ्फी 2025 में प्रदर्शित की जाएँगी। इस वर्ष, सिनेमा में अपने 50 वर्ष पूरे करने पर महान अभिनेता रजनीकांत को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा।