एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी 2025 के महाकुंभ में पहुंची थीं और पूरे रीति-रिवाज से वह किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं और उन्हें नया नाम मिला श्री यमाई ममता नंदगिरी। इस पूरे मामले पर इतना विवाद हुआ कि उन्हें अंत में इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इसे स्वीकार नहीं किया। अब इस विरोध के 1 महीने के बाद फिर से इस मामले पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने चुप्पी तोड़ी है।
'ममता कुलकर्णी अगर इस्लाम कबूल लेतीं?'
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, 'जब उन्होंने खुद को 23 साल तक मेनस्ट्रीम सोसाइटी से दूर रखा था, तब वह ढाई से तीन साल तक मेरे संपर्क में थीं। वह मुझे अपनी परंपराओं के बारे में सब कुछ बता रही थीं। उन्हें जूना अखाड़े के स्वामी ने दीक्षा भी दी थी। 'ममता कुलकर्णी बहुत अच्छी और सुलझी हुई हैं।' फिर जब पूछा गया कि क्या उनके अंदर काली माता सच में आई थीं? तो महामंडलेश्वर बोलीं, 'वो उनसे पूछना पड़ेगा। मेरे अंदर कोई माता नहीं आती। हम भक्त हैं माता के। ये उनका निजी मामला है। हम इसमें कुछ नहीं कह सकते।' आगे कहा कि, आज पूछती हूं कि यही ममता जी, जाकर इस्लाम कबूल लेतीं। और हज-मदीना कर आतीं, तो ये सनातनी जो इतना विरोध कर रहे थे, तो क्या वो कुछ कर पाते?' इस मामले को बेवजह तूल दिया गया।
ममता कुलकर्णी के इस्तीफा देने पर बोलीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने ममता का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। ममता ने दबाव में आकर अपना इस्तीफा दे दिया'। उन्हें लगा की मेरे गुरु को इतनी परेशानी हो रही है, इस विवाद के कारण तो मैं इस्तीफा दे दूं, लेकिन हमने वह स्वीकार नहीं किया'। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने आगे कहा कि श्री यमाई ममता नंदगिरी थी, श्री यमाई ममता नंदगिरी हैं और श्री यमाई ममता नंदगिरी ही रहेंगी। श्री यमाई ममता नंदगिरी ने कहा कि मैं सनातन धर्म में अपनी जिंदगी पूर्ण रूप से समर्पित कर देना चाहती हूं’। हमने उनकी बातों को सुना तो उनके ये विचार अच्छे लगे और हमने कर दिया।