जानें कौन हैं IAS आनंद वर्धन? उत्तराखंड के नए चीफ सेक्रेटरी बने

Authored By: News Corridors Desk | 28 Mar 2025, 12:00 PM
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उत्तराखंड सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। धामी सरकार ने राज्य के नए मुख्य सचिव के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी कर दिया है। वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का सेवा विस्तार 31 मार्च को समाप्त हो रहा है, और उन्होंने दोबारा इस पद को संभालने की इच्छा नहीं जताई थी। ऐसे में 1992 बैच के आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे 1 अप्रैल 2025 से पदभार ग्रहण करेंगे।

कौन हैं आईएएस आनंद वर्धन?

आईएएस आनंद वर्धन 1992 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तराखंड की नौकरशाही में सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनकी वरिष्ठता के आधार पर उन्हें मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है। वे अभी तक उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे। आनंद वर्धन 2027 में सेवानिवृत्त होंगे।

उत्तराखंड सरकार ने इस नियुक्ति को लेकर आधिकारिक आदेश जारी किया है। आदेश में लिखा गया है:

"शासन द्वारा कार्यहित में आपको (आईएएस आनंद वर्धन) दिनांक 1 अप्रैल 2025 से मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन के पद पर तैनात करने का निर्णय लिया गया है। कृपया तदनुसार नवीन पदभार ग्रहण करने का कष्ट करें।"

इस आदेश के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि आनंद वर्धन राज्य के नए मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।

राधा रतूड़ी का सेवा विस्तार समाप्त

वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है। उन्होंने दोबारा सेवा विस्तार लेने की इच्छा नहीं जताई, जिससे नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी जगह आनंद वर्धन इस पद को संभालेंगे।

उत्तराखंड प्रशासन में अहम बदलाव

आनंद वर्धन की नियुक्ति को राज्य प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। उनके पास लंबे समय का प्रशासनिक अनुभव है, और उनके कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड सरकार कई नीतिगत फैसलों को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।

आनंद वर्धन उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। सरकार द्वारा जारी आदेश के बाद अब वे 1 अप्रैल से अपने नए पद पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनकी नियुक्ति से राज्य के प्रशासनिक तंत्र में नई दिशा मिलने की संभावना है।