56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव IFFI में काकोरी कांड पर बनी फिल्म ने दर्शकों के बीच अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। यह फिल्म 1925 की उस घटना से प्रेरित है जिसमें क्रांतिकारियों ने एक रेल पर धावा बोला था।
अतीत की याद और क्रांतिकारियों के साहस को सौ साल बाद लोगों के समक्ष परोसने वाली इस फिल्म का निर्देशन कमलेश के. मिश्रा ने किया है।
यह केवल एक फिल्म नहीं है, 'काकोरी' दरअसल 1925 के महान 'काकोरी रेल एक्शन' को समर्पित एक शताब्दी श्रद्धांजलि है—एक ऐसा साहसिक कृत्य जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गति और दिशा को बदल कर रख दिया था।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कमलेश के. मिश्रा ने 'काकोरी' के बारे में बताते हुए कहा, "यह जोश और बलिदान से तराशी गई फिल्म है। 48 घंटों के भीतर चार क्रांतिकारियों का शहीद हो जाना—क्या ऐसी घटना कभी फीकी पड़ सकती है? उनकी बहादुरी और कुर्बानी की गूँज आज भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुनाई देती है। 9 अगस्त 2025 को सौ साल पूरे होने पर, हमें लगा कि इतिहास खुद हमें इस कहानी को ईमानदारी, साहस और भावनाओं के साथ दोबारा पेश करने के लिए प्रेरित कर रहा है।"