सेना ने अपनी वर्दी को नक्कालों से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। बाज़ार में धड़ल्ले से सेना की नकली वर्दी बिकने पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अब उसने पेटेंट हासिल कर लिया है।
भारतीय सेना ने न्यू कोट कॉम्बैट (डिजिटल प्रिंट) के डिजाइन को पेटेंट कराया है। यह पेटेंट हासिल करने के लिए डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक, कोलकाता के पास आवेदन किया था जिसे सात अक्टूबर 2025 को मंजूरी मिलने के साथ ही आधिकारिक जर्नल में प्रकाशित कर दिया गया है। मिल गई है। इसके। लिए सेना ने फरवरी 2025 में आवेदन किया था।
भारतीय सेना ने जनवरी 2025 में न्यू कोट कॉम्बैट (डिजिटल प्रिंट) पेश की थी जो आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण और बेहतर सैनिक आराम की दिशा में अपनी चल रही यात्रा में एक उपलब्धि है।
न्यू कोट कॉम्बैट को राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान NIFT नई दिल्ली द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। तीन-परतों वाले इस परिधान में उन्नत तकनीकी वस्त्रों का उपयोग किया गया है और इसमें एक एर्गोनॉमिक डिज़ाइन है जो विभिन्न जलवायु और सामरिक परिस्थितियों में आराम, गतिशीलता और परिचालन दक्षता में सुधार के लिए अनुकूलित है।
इस पंजीकरण के साथ डिज़ाइन और पैटर्न दोनों के बौद्धिक संपदा अधिकार IPR पूरी तरह से भारतीय सेना के पास सुरक्षित रहेंगे। यह पंजीकरण सेना के एकमात्र स्वामित्व और किसी भी अनधिकृत संस्था द्वारा अनधिकृत निर्माण, पुनरुत्पादन या व्यावसायिक उपयोग के विरुद्ध कानूनी सुरक्षा स्थापित करता है। इन अधिकारों के किसी भी उल्लंघन पर डिज़ाइन अधिनियम, 2000 और डिज़ाइन नियम, 2001 तथा पेटेंट अधिनियम, 1970 के प्रावधानों के अनुसार प्रतिबंध और क्षतिपूर्ति के दावों सहित कानूनी परिणाम भुगतने होंगे