अगर आप ये गलती करेंगे तो लक्ष्मीजी नाराज हो जाएंगी, सुनिए प्रेमानंद जी महाराज की ये बात...

Authored By: News Corridors Desk | 18 Mar 2025, 07:24 PM
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प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह बता रहे हैं कि भगवान से अपनी कामना कैसे  कहनी चाहिए। अब वो गलती क्या है और क्यों मुनष्य को नहीं करनी चाहिए उसके लिए जानिए  प्रेमानंद महाराज जी ने क्या कहा... 

इस कारण से मां लक्ष्मी हो सकती है रुष्ट 

वृंदावन के महाराज प्रेमानंद महाराज हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी अध्यात्मिक बातों को बताते रहते हैं। आज देशभर में करोड़ो लोग उनकी बातों को सुनकर सही मार्ग में चलने का प्रयास करते हैं। कुछ समय पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था जिसमें वह बता रहें कि आखिर किस कारण से मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं। वीडियो में प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि हम भगवान से कुछ अच्छा पाने की इच्छा तो रखते हैं, लेकिन उसके बदले कुछ ऐसे बातें बोल देते है जिसके कारण मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती है। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि भगवान से जब हमें कुछ चाहिए होता है, तो हम बोलते हैं कि हे भगवान ये हो जाएं, तो 56 भोग लगा देंगे या फिर इतने पैसे चढ़ा दें। भगवान से अपनी मन्नत, कामना को मनवाने का सबसे गलत तरीका है। 

देवी देवता से ऐसे कहे अपनी कामना

महाराज जी आगे कहते हैं कि आप किसी दिन भगवान को अपना मान कर कुछ मांगना, तो देखना कि उनको फोन नंबर अवश्य लग जाएगा। लेकिन हम लोग भगवान से कहते हैं कि हे ठाकुर जी आप ये काम कर दो, तो आपको 500 रूपए भोग चढ़ा दें या चढ़ावा आदि कर देंगे। लोग ये गलत तरीके से अपनी मुराद को पूरा करने की कोशिश करते हैं। ऐसी कभी पूर्ति नहीं होगी। इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। कहती है कि हमारे पति को नौकर समझा है, जो  500 रूपए पर काम कर देंगे। इसलिए ऐसे बिल्कुल नहीं कहना चाहिए।

इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि ठाकुर जी कभी भी पैसों के भूखे नहीं है बल्कि वो अपनेपन, श्रद्धा, प्रेम के भूखे हैं। उन्हें सच्चे मन से कामना करते हुए कहेंगे कि हे ठाकुर जी आपने मुझे सब कुछ दिया। आपके द्वारा दिया हुए सुख-समृद्धि सब कुछ है। प्रभु आप इस समस्या से मुझे निदान दिला दें। आपके सिवा हमारा कोई दूसरा नहीं है, जो इसे हल कर सकता है। ऐसा अपनापन दिखाएंगे, तो वो आपकी कामना अवश्य पूरी करेंगे। महाराज जी की बातों से यही सीख मिलती है की जिस तरह हम किसी व्यक्ति से काम कराते हैं और उसे पैसे दे देते हैं। उस तरह से ठाकुर जी से हमे मुराद नही मांगनी चाहिए। ठाकुर जी ईश्वर है, जगत के मालिक है। इसलिए उन्हें श्रद्धा के साथ अपनी कामना कहें।