ब्रज में होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह उत्सव पूरे 40 दिन तक चलता है और इसकी शुरुआत बसंत पंचमी से होती है। समापन वृंदावन के प्रसिद्ध रंगनाथ मंदिर में होता है। ब्रज की होली में राधा-कृष्ण की लीलाओं को जीवंत किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, और यही कारण है कि दुनिया भर से लोग इसे देखने और इसमें शामिल होने के लिए ब्रज पहुंचते हैं।
ब्रज में होली 2025 के बचे हुए कार्यक्रम
यदि आप अब भी ब्रज की होली का आनंद लेना चाहते हैं, तो इन कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं:
15 मार्च (शनिवार) – बलदेव के दाऊजी मंदिर में हुरंगा का आयोजन होगा।
16 मार्च (रविवार) – नंदगांव में पारंपरिक हुरंगा खेला जाएगा।
17 मार्च (सोमवार) – जाव गांव में हुरंगा उत्सव मनाया जाएगा।
18 मार्च (मंगलवार) – मुखरई में प्रसिद्ध चरकुला नृत्य का आयोजन होगा।
19 मार्च (बुधवार) – बैठन गांव में हुरंगा खेला जाएगा।
20 मार्च (गुरुवार) – गिडोह गांव में हुरंगा उत्सव होगा।
21 मार्च (शुक्रवार) – महावन में छड़ीमार होली का आयोजन किया जाएगा।
22 मार्च (शनिवार) – वृंदावन के रंगनाथ मंदिर में होली महोत्सव का भव्य समापन होगा।
ब्रज की होली में शामिल होने का अनुभव
ब्रज की होली का आनंद एक अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव है। यहां होली में केवल रंग नहीं, बल्कि भक्ति, संगीत, नृत्य और प्रेम का मेल होता है। राधा-कृष्ण की लीलाओं से जुड़े इन आयोजनों में शामिल होकर श्रद्धालु एक दिव्य अनुभव प्राप्त करते हैं।
यदि आप अब भी होली के रंगों में डूबना चाहते हैं, तो ब्रज आपका इंतजार कर रहा है। यहां की होली का अनुभव जीवनभर यादगार रहेगा।