होली की खुमारी अभी उतरी भी नहीं कि भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी को भव्य रूप से मनाने की घोषणा कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि इस बार राज्य में रामनवमी पर ऐतिहासिक आयोजन किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि यह आयोजन 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले साल रामनवमी पर राज्य में हिंसा और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। इस बार BJP अपने आयोजन को और बड़े स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रही है।
BJP का बड़ा दावा: 2000 रैलियां, 1 करोड़ लोगों का जुटान
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार, 14 मार्च 2025 को अपने विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में एक कार्यक्रम के दौरान BJP के रामनवमी प्लान का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि इस बार 6 अप्रैल 2025 को पूरे राज्य में करीब 2000 रामनवमी जुलूस निकाले जाएंगे, जिनमें 1 करोड़ से अधिक हिंदुओं के शामिल होने की संभावना है।
उन्होंने आयोजकों से अपील करते हुए कहा, “भगवान श्रीराम की पूजा करने के लिए हमें किसी प्रशासनिक अनुमति की जरूरत नहीं है। हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आस्था का प्रदर्शन करेंगे, लेकिन यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है कि कोई बाधा न आए।” सुवेंदु अधिकारी ने इस आयोजन को हिंदू आस्था का बड़ा प्रदर्शन बताते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया।
TMC का BJP पर पलटवार
BJP की इस घोषणा पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने सुवेंदु अधिकारी पर धार्मिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बंगाल की जनता सुवेंदु अधिकारी जैसे नेताओं की बयानबाजी से प्रभावित नहीं होगी। हर किसी को अपने धार्मिक आयोजन करने का अधिकार है, लेकिन BJP इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। यह राज्य रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, श्री चैतन्य और रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है, जहां कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं है।”
सोनाचूरा में बनेगा राम मंदिर
सुवेंदु अधिकारी ने यह भी घोषणा की कि इस साल के अंत तक उनके निर्वाचन क्षेत्र सोनाचूरा में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। यह मंदिर BJP के हिंदुत्व एजेंडे का एक और प्रमुख कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
BJP के इस मेगा आयोजन की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति गर्मा गई है। पार्टी जहां इसे आस्था का विषय बता रही है, वहीं विपक्षी दल इसे ध्रुवीकरण का प्रयास मान रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आयोजन राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।
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