बाबा बागेश्वर ने निकाल दी नीतीश कुमार की पर्ची, क्या सीएम की कुर्सी जाने वाली है?

Authored By: News Corridors Desk | 15 Mar 2025, 12:12 PM
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बाबा बागेश्वर ने बिहार में हिन्दुत्व का ऐसा डंका बजाया कि राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज भी अपनी राजनीति खत्म होती देख रहे हैं। अब तक जातियों और धर्म में बांटकर बिहार को हाशिये पर धकेलते रहे, ये तथाकथित कद्दावर नेता अब अपनी राजनीतिक दुकान बंद होने के डर से घिघियाने लगे है। बागेश्वर धाम वाले बाबा ने जो हिन्दुत्व का नारा दिया है उससे बिहार में कई समीकरण एक साथ ध्वस्त होते हुए नजर आ रहे हैं। 

नीतीश कुमार की पर्ची निकली, सीएम की कुर्सी गई?


बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान कथा के दौरान ही स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार का राजनीतिक भविष्य क्या होने वाला है। बागेश्वर धाम वाले बाबा से सवाल हुआ कि किस पार्टी का प्रचार करेंगे तो उन्होंने भी कह दिया कि वो राजनेताओं का प्रचार नहीं करते। बल्कि सनातन के विचारक हैं और सनातनी एकता की बात करते हैं।

नीतीश कुमार क्या फिर सीएम बनेंगे?


नीतीश कुमार की राजनीति को देखें तो बीते कुछ चुनावों से उनकी पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरा 
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 43 43 सीट पर जीत मिली थी
2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के पास 71 सीटें थीं
जबकि 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीट जीती थीं
यानि बीते 2 विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार का राजनीतिक ग्राफ नीचे गया है। नीतीश कुमार की खुद की राजनीतिक स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। आरजेडी लगातार उनके जाने की बात कर रही है और नीतीश कुमार खुद अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

बाबा ने की हिन्दुत्व की बात, फायदा किसे होगा?


बिहार के राजनीतिक कल्चर को देखें तो वहां पार्टियां जाति विशेष और धर्मों की बात करती रही हैं। आरजेडी मुस्लिम और यादव की जाति करती रही है। जेडीयू पिछड़े और अति पिछड़ों के साथ मुस्लिम की बात करते हैं।

जेडीयू और आरजेडी दोनों ही जातियों की बात करते हैं जबकि धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दुओं से एकजुट होने की अपील की है। बाबा की इस अपील के बाद ही आरजेडी और जेडीयू के नेताओं की तरफ से विवादित बयान भी आए हैं। जो ये संकेत दे रहे हैं कि जातियों की बात करने वालों की बात इस बार बिहार में नहीं चलने वाली और एनडीए यदि जीतता है तो नीतीश कुमार पर सहमति बनेगी या नहीं। ये भी अभी स्पष्ट नहीं है।