एडीआर के रिपोर्ट के अनुसार, 4,092 विधायकों में से कम से कम 45 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। एडीआर ने 28 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के 4,123 विधायकों में से 4,092 के हलफनामों का विश्लेषण किया। 24 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे खराब तरीके से स्कैन किए गए थे या पढ़ने योग्य नहीं थे।
1,205 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 1,861 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले शामिल हैं। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार आंध्र प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, जिसके 138 विधायकों (79%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार आपराधिक मामलों का सामना करने वाले विधायकों का सबसे अधिक अनुपात तेलुगु देशम पार्टी (TDP) में है। इसके 134 विधायकों में से 115 ने अपने नाम पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें 82 विधायक गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। अन्य राज्य जहां विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, उनमें बिहार (66 प्रतिशत), महाराष्ट्र (65 प्रतिशत) और तमिलनाडु (59 प्रतिशत) शामिल हैं।
54 विधायकों पर हत्या के आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, 54 विधायकों पर हत्या के आरोप हैं, जबकि 226 पर आईपीसी की धारा 307 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 के तहत हत्या के प्रयास का आरोप है। इसके अलावा, 127 विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें 13 पर बलात्कार के आरोप लगे है।