बिहार के जहानाबाद में केंद्रीय विद्यालय की निलंबित टीचर दीपाली शाह ने अपने विवादित वीडियो पर माफी मांगने से इनकार कर दिया। अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय विद्यालय संगठन को सौंप देगी। KVS सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद दीपाली शाह पर अंतिम फैसला लिया जाएगा लेकिन सम्भावना ये है कि दीपाली को बर्खास्त किया जा सकता है। दीपाली शाह सस्पेंशन के बाद KVS के वाराणसी ऑफिस से संबद्ध हैं।
सूत्रों का कहना कि बढ़ते विवाद को देखते हुए अनौपचारिक रूप से दीपाली को माफी मांगने के लिए कहा गया था। बोला गया था कि वो माफी मांगने वाला वीडियो जारी करें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के सूत्रों के मुताबिक हर केंद्रीय विद्यालय में देश भर के अलग अलग हिस्सों से छात्र और शिक्षक होते हैं। लिहाजा "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की तस्वीर दिखाई देती है और यही केंद्रीय विद्यालय की संस्कृति भी है। इसी आधार केंद्रीय विद्यालय को मिनी इंडिया भी कहा जाता है। दीपाली शाह ने बिहार और बिहार के लोगों के खिलाफ जिस तरह का बयान दिया और उसमें जैसी आपत्तिजनक भाषा प्रयोग की वो केंद्रीय विद्यालय की संस्कृति के खिलाफ है। इसीलिए सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में दीपाली का वीडियो जब प्रचारित प्रसारित हुआ तो KVS ने तुरंत उनको सस्पेंड कर दिया था और उनके खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दी थी। हालांकि इस मामले में बिहार के लोगों में भारी नाराजगी थी। दीपाली का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार के अलावा देश भर से लोगों ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

KVS सूत्रों का कहना है कि अगर दीपाली ने जांच कमेटी के सामने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी नहीं मांगी तो उन पर बर्खास्तगी लगभग तय मानी जा रही है। दीपाली प्रोबेशन पीरियड पर पढ़ा रही थीं। प्रोबेशन पीरियड पर पढ़ाने के दौरान टीचर का व्यवहार बारीकी से देखा जाता है और दीपाली ने प्रोबेशन पीरियड में ही विवादास्पद वीडियो बना डाला। KVS ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।