योगी के 8 साल के सियासी तप से यूपी में बम-बम विकास

Authored By: News Corridors Desk | 18 Mar 2025, 06:17 PM
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आज से 8 साल पहले जो देश का बीमारू राज्य माना जाता था , आज वही राज्य विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है । इज ऑफ डूइंग बिजनेस में आज यह राज्य नंबर 2 पर पहुंच गया है । यानि इस राज्य में अब बिजनेस करना काफी आसान हो गया है । 

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की । अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या बदला कि उत्तर प्रदेश में आजादी के 70 साल बाद तक जो विकास की धारा न बह सकी, वो पिछले आठ सालों के दौरान खुलकर बहने लगी । इसका सीधा सा जवाब यह है कि उत्तर प्रदेश में राज बदल गया । 19 मार्च 2017 वह प्रस्थान बिंदू था जहां से तस्वीर बदलने लगी । इसी दिन योगी आदित्यनाथ पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे । तबसे लेकर अबतक वो लगातार राज्य के विकास की नई-नई इबारत लिखते जा रहे हैं । इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं । 

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर 

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वैसे तो पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं । परन्तु खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के माध्यम से औद्योगिक और आर्थिक प्रगति की नई मिसाल बन रहा है। जेवर में देश का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और विभिन्न औद्योगिक पार्कों के विकास से राज्य न सिर्फ निवेश बढ़ रहा है , बल्कि रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं । उत्तर प्रदेश ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट (यूपीजीआईएस-2023) और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-04) जैसे आयोजनों ने इस प्रगति को और मजबूती दी है।

निवेश और रोजगार का नया दौर

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उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (यूपीजीआईएस-2023) में यीडा ने 165 एमओयू के जरिए 1,88,970.18 करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया, जो तय लक्ष्य से 236.21% अधिक है । इससे 4,53,339 रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। वहीं, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) -04 में 45,148.41 करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतारा गया, जो लक्ष्य से 103.19% अधिक है और 1,32,663 लोगों को रोजगार देने में मददगार बन रहा है।

क्लस्टर आधारित औद्योगिक विकास

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पिछले 8 वर्षों में, यीडा ने विभिन्न क्लस्टर आधारित उद्योगों का विकास किया है, जिनमें एमएसएमई पार्क, टॉय सिटी, हैंडीक्राफ्ट पार्क, अपैरल पार्क, डाटा सेंटर पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में, 152 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन किया गया, जिसके माध्यम से 27,521.99 करोड़ रुपए के निवेश और 16,405 रोजगार के अवसर का रास्ता खुला । 

मेडिकल डिवाइस पार्क की शुरुआत

सेक्टर-28 में 439.40 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में 74 भूखंडों का आवंटन हो चुका है। इससे 3,800 करोड़ रुपए का निवेश और 15,000 रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे । इन परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं।

जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी से विकास को नई दिशा

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जेवर में 1,334 हेक्टेयर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पीपीपी मॉडल पर आधारित है । ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा प्रथम चरण में 5,730 करोड़ रुपए के निवेश से 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता वाला यह एयरपोर्ट 2025 में शुरू होने जा रहा है। 72.26 किमी लंबे रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) से जेवर एयरपोर्ट को गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जोड़ा जाएगा। 

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20,637 करोड़ रुपए की इस परियोजना का डीपीआर भारत सरकार को भेजा गया है। इसी तरह, सेक्टर-21 में 1,000 एकड़ में बन रही अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के पहले चरण में बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी 230 एकड़ में निर्माण कर रही है। यह परियोजना रोजगार और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। एयरपोर्ट और फिल्म सिटी से पर्यटन, विनिर्माण और निर्यात में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र का संरचनात्मक विकास होगा।

औद्योगिक पार्क और रोजगार के नए अवसर

ब्रज विकास परिषद के सुझाव पर श्री बांकेबिहारी मंदिर के पास हेरिटेज सिटी का निर्माण हो रहा है। इसमें ग्रीनफील्ड कनेक्टिविटी, रिवर फ्रंट और योग केंद्र शामिल हैं। इसी तरह, टप्पल-बाजना में लॉजिस्टिक पार्क का विकास जेवर एयरपोर्ट की मांग को देखते हुए शुरू हुआ है। 

डीपीआर को मंजूरी मिल चुकी है और भूमि अधिग्रहण जारी है। यही नहीं, सेक्टर-11 में 200 एकड़ में फिनटेक पार्क और अन्य क्षेत्रों में टॉय पार्क का विकास हो रहा है। इनसे निवेश और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। सेक्टर-10 में 1,000 एकड़ में सेमीकंडक्टर और ईएमसी पार्क की योजना है, जिसके लिए 200 एकड़ का आवेदन भारत सरकार को भेजा गया है।