बतानी होगी पहचान, तभी बेचना होगा सामान ! कांवड़ यात्रा से पहले फिर छिड़ा सियासी संग्राम !

Authored By: News Corridors Desk | 03 Jul 2025, 04:13 PM
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कांवड़ यात्रा शुरू होने में हफ्ते भर का समय बाकी है, लेकिन सियासत अभी से शुरू हो गई है । यात्रा की तैयारियों में अभी रूट डायवर्जन का मैप बन रहा है । यूपी और उत्तराखंड सरकारों की तैयारियां करीब-करीब एक तर्ज पर चल रही हैं । पिछले साल जिस आदेश पर बवाल मचा और मामला देश की सबसे बड़ी अदालत की चौखट पर पहुंच गया, वह मुद्दा इस बार भी गर्म है । उसे लेकर इस बार भी दोनों राज्यों की सरकारें एक्टिव दिख रही हैं । कांवड़ मार्गों पर स्थित सभी दुकानों की पहचान और दुकानदारों का नाम बताना होगा ।  

दुकानदारों के नेम प्लेट लगाने के मुद्दे पर शुरू हुई सियासत 

उत्तर प्रदेश में सरकार कांवड़ मार्गों पर स्थित दुकानों-होटलों के मालिकों को अपना नेम प्लेट लगाना होगा । सरकार के इस फैसले पर विपक्ष सवाल उठा रहा है । विवादों के बीच योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर कहा है कि कांग्रेस, बसपा और सपा के लोगों ने जो नफरत का बीज बोया है, उसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव न हो । उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला सभी जाति और धर्म के लोगों के लिए है। 

हालांकि सरकार की इस दलील से एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इत्तेफाक नहीं रखते हैं । उन्होंने यूपी सरकार पर जम कर प्रहार किया है । ओवैसी ने कहा कि, "मुजफ्फरनगर बायपास के पास कई होटल सालों से चल रहे हैं ।  क्या कांवड़ यात्रा अभी शुरू हुई है? ये तो पहले भी शांतिपूर्वक निकलती रही है।अब अचानक यह सब क्यों हो रहा है? अब होटल मालिकों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है ? दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है ।" 

ओवैसी ने कहा कि, पुलिस का काम है उन लोगों को गिरफ्तार करना जो दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं, मगर यहां तो खुद प्रशासन ही तमाशा बना रहा है । 
असदुद्दीन ओवैसी ने इसे पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश का भी उल्लंघन बताया जिसमें अदालत ने यूपी सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें दुकानदारों से अपना नाम और नंबर डिस्प्ले करने के आदेश दिए गए थे । 

उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया आदेश 

उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा से पहले आदेश जारी कर दिया है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइंस जारी किए हैं । 
इसके तहत कांवड़ मार्गों पर खाद्य सामग्री बेचने वालों को अपने प्रतिष्ठान पर फूड लाइसेंस डिस्पले करना जरूरी होगा । ठेले और फड़ वालों को भी इसे लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं । नियम नहीं मानने पर दो लाख तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी । 

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो लोक प्रशासन और पुलिस के सहयोग से आकस्मिक निरीक्षण करें ।