योगी सरकार के 'दस का दम' अभियान से अपराधियों में डर, जीरो टॉलरेंस नीति से टूटी कमर

Authored By: News Corridors Desk | 10 Apr 2025, 06:37 PM
news-banner

उत्तर प्रदेश आज चुस्त-दुरुस्त कानून व्यवस्था और अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए जाना जाता है। यह वही प्रदेश है जो 7-8 साल पहले तक बेहद खराब कानून व्यवस्था और बेतहाशा अपराधों के लिए कुख्यात था । परन्तु 2017 में जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी और उसकी कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई, तब से शुरू हुआ कुख्यात से विख्यात बनने का सफर।

अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी की सरकार से विरासत में मिली कुव्यवस्था और अपराधों से निपटना आसान नहीं था। परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति ने राज्य में अपराधियों की कमर तोड़ कर रख दी है। पिछले आठ वर्षों के योगी राज के दौरान एक लाख से अधिक अपराधियों को जेल की हवा खानी पड़ी और इस दौरान 227 अपराधी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं । 

‘दस का दम’ ने अपराधियों को किया बेदम 

xVTyGqP.jpeg

अपराध और अपराधियों पर काबू पाने के लिए योगी सरकार के निर्देश पर मिशन शक्ति फेज-5 के तहत प्रदेशभर में ‘दस का दम’ नामक विशेष ऑपरेशन चलाए गए। इसमें ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र आदि शामिल हैं। इन ऑपरेशन्स के जरिये यूपी पुलिस ने एक तरफ महिलाओं, बेटियों, बच्चों, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि जघन्य अपराधों का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भी धकेला है । 

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में दस ऑपरेशन चलाए। आज यूपी पुलिस का यह अभियान अपराधियों के लिए काल बन गया है । योगी सरकार का ‘दस का दम’ ऑपरेशन प्रदेश को अपराध से मुक्त करने की संकल्पना है, जिसे ज़मीन पर सफलतापूर्वक उतारा गया है। 

HqErLsF.jpeg

काफी कारगर साबित हो रहा है ऑपरेशन त्रिनेत्र 

उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने बताया कि अपराधियों पर लगाम लगाने और जघन्य अपराधों के खुलासे में ऑपरेशन त्रिनेत्र काफी कारगर साबित हो रहा है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया। इसके बाद प्रदेशभर में  11,07,782 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। 

सीसीटीवी का कंट्रोल थानों से जोड़ा गया  ताकि घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसी का नतीजा है कि डकैती, लूट समेत कुल 5,718 जघन्य अपराधों की जाँच कर अपराधियों की साज़िश का पर्दाफ़ाश किया जा सका  ।

6F3lmHw.jpeg
 
ऑपरेशन मजनूं ने बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता की

महिलाओं और बच्चियों से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए ऑपरेशन गरुड़ चलाया गया। अभियान के तहत 2,597 प्राथमिकी पत्रों की जांच की गई, जिनमें से 2,407 का निस्तारण किया गया। वहीं पूर्व में पंजीकृत 1,179 अभियोग में से 449 का निस्तारण किया गया और 498 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही 405 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए। 

इसी तरह स्कूल-कॉलेजों के आसपास बच्चों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों शोहदों के खिलाफ ऑपरेशन मजनूं चलाया गया। इस अभियान में 7,554 स्थानों को चिह्नित किया गया और 58,624 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 

ऑपरेशन ईगल के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। ऑपरेशन रक्षा के तहत स्पा सेंटर, मसाज पार्लर की आड़ में मानव तस्करी के धंधे पर नकेल कसी गई.  56 महिलाओं और बालिकाओं को रेस्क्यू कर 49 का पुनर्वास कराया गया।

pq4zET8.jpeg

बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन बचपन और खोज

योगी सरकार ने प्रदेश में बल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति समेत बच्चे के अधिकारों के लिए ऑपरेशन बचपन का भी असर दिखा।  ऑपरेशन बचपन के तहत बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति के मामलों में 2,860 बच्चों को बचाया गया। वहीं 1,207 केसों में कार्यवाही हुई। इसी तरह ऑपरेशन खोज के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आश्रयगृहों से 3,327 गुमशुदा बच्चों को पुनर्वासित किया गया ।

साइबर और नशीले पदार्थों के खिलाफ भी चला योगी का हंटर 

ऑपरेशन शील्ड के तहत 29,773 एसिड की दुकानों को चेक किया। वहीं 725 के खिलाफ कार्रवाई की गयी। ऑपरेशन डेस्ट्राय के तहत अश्लील साहित्य व सीडी के 748 मामले अभियोग दर्ज हुए। ऑपरेशन नशा मुक्ति के तहत नशे के विरुद्ध 4,750 हॉट स्पॉट चिन्हित कर 2,752 अभियोग पंजीकृत किए गए और 33,391 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।