दिल्ली में पुराने वाहन मालिकों के लिए राहत भरी खबर आई है । 10 से 15 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त करने और उन्हें पेट्रोल-डीजल न देने की योजना पर फिलहाल विराम लग सकता है । दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक यह नियम पूरे एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में एकसमान तरीके से लागू नहीं होता, तब तक इसे दिल्ली में प्रभावी रूप से लागू करना मुश्किल है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को बताया कि पेट्रोल पंपों पर लगाए गए ANPR कैमरे अभी प्रभावी तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। इन कैमरों के जरिए पुरानी गाड़ियों की पहचान और उन पर कार्रवाई करना ठीक नहीं है। उन्होंने ELV नियम की कई खामियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इसे बिना तैयारी लागू करने से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
प्रदूषण रोकने के लिए नई योजना पर काम कर रही दिल्ली सरकार
सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार एक नई प्रणाली पर काम कर रही है, जिसमें गाड़ियों को केवल उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि उनके प्रदूषण स्तर के आधार पर बंद या चालू रखने का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही यह भी चाहते हैं कि लोगों की गाड़ियाँ जब्त न हों ।
इस मुद्दे को लेकर अब केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management ) और दिल्ली सरकार के बीच बैठक होने जा रही है, जिसमें विस्तार से चर्चा होगी ।
1 नवंबर से शुरू हो सकता है नया चरण
दिल्ली सरकार ने फिलहाल इस योजना को 1 नवंबर तक टालने का प्रस्ताव दिया है। यह वह समय होगा जब एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में भी ऐसी ही व्यवस्था लागू होनी है। सरकार का कहना है कि जब सभी राज्यों में एक साथ यह नियम लागू होगा, तब इसका असर ज्यादा व्यापक और समान होगा।
CAQM ने निर्देश दिया था कि 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं दिया जाएगा। साथ ही, अगर किसी पंप पर इन वाहनों को ईंधन मिलता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले के बाद दिल्ली में तय मानकों से पुरानी गाड़ियों को जब्त किया जाने लगा । इससे लोगों में नाराजगी काफी बढ़ गई । हालात को देखते हुए सरकार ने फिलहाल इसपर रोक लगाने का फैसला किया है ।
हाई कोर्ट पहुंचे पेट्रोल पंप मालिक
पेट्रोल पंप मालिकों ने भी इस नियम का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें कानून लागू करने की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने कोर्ट इसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल पंप मालिकों के पास इस नियम को लागू करवाने की कोई कानूनी ताकत नहीं है। अगर कोई गाड़ी छूट जाए, तो उन पर कार्रवाई करना अनुचित है।
अदालत ने दिल्ली सरकार और CAQM से सितंबर 2025 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर इस दौरान पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कोई कदम उठाया जाता है, तो उसे अदालत के संज्ञान में लाया जाए।