उत्तर प्रदेश : पूरे पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह की अदावत से लोग भलि-भांति परिचित हैं । हालांकि मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन अंसारी परिवार से पुरानी अदावत खत्म नहीं हुई है । दरअसल मऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बृजेश सिंह के खड़े होने की चर्चा तेज हैं । हाल ही में एक पॉडकास्ट में बृजेश सिंह ने जिस तरह से अफजाल अंसारी को घेरा, उससे तस्वीर और साफ़ होती जा रही है ।
बृजेश सिंह ने कहा कि अफजाल अंसारी ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए मुख्तार अंसारी को अपराधी बनाकर पूरी जिंदगी जेल में कटवाई । खुद राजनीति करके आनंद लेते रहे । बृजेश सिंह इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि आप किसी गांव में हैं, किसी घर के भांजे हैं तो पूरा गांव ही आपका मामा हो गया। ऐसे ही इनके सब नाना हो गए मेजर उस्मान । ये ख़ुद को पूर्व उपराष्ट्रपति का रिश्तेदार बताते हैं। उन्हीं का स्कूल इन्होंने कब्जा किया था, जब वो उपराष्ट्रपति बन गए तो ससम्मान वापस किया था ।
अफजाल अंसारी ने भी किया पलटवार
बृजेश सिंह के इन आरोपों पर अफजाल अंसारी ने भी पलटवार किया और पुराना कच्चा चिट्ठा खोलने लगे । उन्होंने बृजेश सिंह का नाम तो नहीं लिया लेकिन तंज भरे अंदाज में कहा, "अभी तो शुरू किया है उन्होंने। आने दीजिए, खुलने दीजिए। हम अभी से बताने लगेंगे तो बेचारा अभी से मुरझा जाएगा।"
अफजाल ने सवालिया लहजे में कहा कि हम वो नहीं हैं, जिसके यहां शरण लेंगे, उसी का नामोनिशान मिटा देंगे। क्या सूर्यदेव सिंह का नाम आप नहीं जानते? क्या वीरेंद्र सिंह टाटा का नाम आप नहीं जानते? क्या करंडा के गुड्डू सिंह का नाम आप नहीं जानते? किसको भट्टे में झोंक दिया गया आप नहीं जानते? कौन लोग थे।
जहां शरण मिली, जिसकी मदद मिली उसके साथ छल किया। मुकदमे का सबसे बड़ा पैरोकार वो ब्राह्मण जिसने सारा जीवन 'इनका' बस्ता ढोया । कैसे निर्ममतापूर्वक उसके घर पर चढ़कर उसको मारा गया। ये तो छल करने वाले लोग हैं।
अफजाल अंसारी ने आगे कहा, "खुलने दीजिए। समाज में आइए वेलकम है। समाज में जो आता है, उसे अपने आचरण, व्यवहार से जवाब देना पड़ता है। आप महान हो, आप सक्षम हो। हमारी जांच तो हो रही है, लेकिन कभी आपकी भी जांच होगी। ईडी आज ही नहीं खत्म हो जाएगी। ये हजारों करोड़ की, लूट का जो साम्राज्य है उसका कोई हिसाब-किताब तो होगा।"
अफजाल ने पत्रकारों से कहा कि आप लोगों की कृपा दृष्टि रही। जब आपने चाहा पर्दे में छिपाए रहे। जब आप चाहें महिमामंडन कर रहे हैं। करिए। हमें उन 'महानुभाव' के बारे में कुछ कहना नहीं है।
'जिसे दंड मिलना चाहिए उसका महिमामंडन किया जा रहा है'
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि, जिस व्यक्ति को दंड मिलना चाहिए, उसका महिमामंडन किया जा रहा है। अगर न्यायालय मुझे भगोड़ा घोषित कर दे। मेरे ऊपर 5 लाख का ईनाम घोषित कर दिया जाए और मैं 20 साल फरार रहूं। अपराध करता रहूं, अपराध का साम्राज्य बनाता रहूं, अपना नाम बदल लूं जिस पर विदेश जाने का पासपोर्ट बन जाए । हथियार का लाइसेंस बन जाए । जब मैं पकड़ा जाऊं तो कह दूं कि ये तो मेरे ही दोनों नाम हैं ।
जब आप फरार थे तो पासपोर्ट लाइसेंस किसने बना दिया ? आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आई?" एक महाराज यहां हैं । दूसरे महाराज भी महाराज बन ही चुके हैं। हम तो पहले से कहते थे कि जिनको आप पाक साफ समझते थे, उनको दे दीजिए न शंकराचार्य की पदवी ।
बता दें कि मऊ विधानसभा सीट से मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी विधायक थे । लेकिन भड़काउ भाषण के एक मामले में कोर्ट से सजा सुाए जाने के बाद उनकी विधायकी चली गई और यह सीट खाली हो गई । इसके बाद अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई । परन्तु फर्जीवाड़े के एक मामले में उमर की गिरफ्तारी के बाद उनके चुुनाव लड़ने की संभावना भी काफी कम दिख रही है । दूसरी तरफ अंसारी परिवार के दबदबे वाली इस सीट पर बाहुबली नेता बृजेश सिंह के भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है ।