BIMSTEC Summit:पीएम मोदी का क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग पर जोर, UPI से जुड़ने का दिया प्रस्ताव

Authored By: News Corridors Desk | 04 Apr 2025, 06:56 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BIMSTEC शिखर सम्मेलन में कई अहम प्रस्ताव रखे। इनमें ‘यूपीआई’ (यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस) को सदस्य देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने की पहल प्रमुख रही। यह कदम व्यापार, कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की स्थापना और वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने का भी सुझाव दिया।

भूकंप को लेकर पीएम ने जताई संवेदना

अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप से हुई जानमाल की क्षति पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आपदा प्रबंधन के लिए भारत में ‘बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। यह केंद्र आपदा तैयारी, राहत और पुनर्वास में सहयोग प्रदान करेगा, जिससे सदस्य देशों को आपदाओं से निपटने में सहायता मिलेगी।

BIMSTEC के दायरे को बढ़ाने पर जोर

शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने BIMSTEC को दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक सेतु बताया। उन्होंने कहा कि यह मंच क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पीएम मोदी ने BIMSTEC की क्षमताओं और प्रभाव को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया। साथ ही, उन्होंने भारत में पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश भी की।

UPI को BIMSTEC देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री मोदी ने UPI को BIMSTEC सदस्य देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने की बात कही। इस पहल से व्यापारिक लेन-देन को आसान बनाया जा सकेगा और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इससे पर्यटन और व्यवसाय को गति मिलेगी, जिससे सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर जोर देते हुए कहा कि यह BIMSTEC देशों की साझा प्राथमिकता है। उन्होंने साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद और मानव तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए इस मंच को प्रभावी रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर से व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग को मजबूती मिलेगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।