योगी के सबसे भरोसेमंद अफसर को कौन कर रहा है बदनाम?

Authored By: News Corridors Desk | 13 Apr 2025, 05:37 PM
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कहते हैं आधा-अधूरा ज्ञान बहुत ख़तरनाक होता है। यूपी के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का आधा-अधूरा ज्ञान ही उनके लिए फ़ज़ीहत का सबब बन गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिया। हमेशा अति उत्साह में रहने वाले अमिताभ ठाकुर ने ये भी ज़रूरी नहीं समझा कि तस्वीर की तस्दीक़ कर लें। मामला क्या है ये पता कर लें… बस डीजीपी प्रशांत कुमार पर सवाल उठा दिए। अमिताभ ठाकुर ने लिखा-

प्रातः 7:15 a.m पर डीजीपी यूपी विराम खंड 5, गोमतीनगर स्थित हमारे आवास के सामने के खाली स्थान पर सादे में मात्र एक एस्कॉर्ट के साथ लगभग चुपके से आए, कुछ कार्य देखा, मुझे देखते ही निकल गए। मौके पर मौजूद गोमती नगर के एक मात्र सिपाही ने मुझे वीडियो डिलीट करने को धमकाया। पता नहीं क्या मामला है?


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अमिताभ ठाकुर को लगा जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा तीर मार लिया है। अब तो योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अफ़सर की खटिया खड़ी कर देंगे। सोशल मीडिया पर सब उन्हें शाबाशी देंगे। कहेंगे-आपके जैसा दबंग आदमी नहीं देखा, लेकिन ये क्या थोड़े ही वक़्त में अमिताभ ठाकुर की थूथू होने लगी। दरअसल उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार अपने पालतू डॉगी नीमो से बहुत प्यार करते थे। वो जिस वक़्त गोमती नगर गए, बेहद दुखी थे। नीमों की साँसें थम चुकी थीं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने नगर निगम की ओर से अधिकृत पशु श्मशान भूमि में 'नीमो' का अंतिम संस्कार किया… उन्होंने सोशल मीडिया पर भी कुछ तस्वीरें शेयर कीं और लिखा… 

आज मैंने अपने दिल के एक टुकड़े को लखनऊ नगर निगम के पशु श्मशान भूमि पर अंतिम विदाई दी। वह भले ही अब यहां न हो लेकिन हमेशा मेरी आत्मा में बसा रहेगा। वह सकारात्मकता (paw-sitivity) का अंतहीन स्रोत था। उसकी पूंछ हिलाने की अदा ने कई दिलों को सुकून दिया, ज़िंदगी में उजाला भर दिया। प्रिय नीमो, तुम्हारी आत्मा को शांति मिले।

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डीजीपी प्रशांत कुमार जो अपराधियों में ख़ौफ़ का पर्याय बन चुके हैं। उनका दिल कितना कोमल है। वो इन पंक्तियों से आप समझ सकते हैं। ऐसे वक़्त में जब प्रशांत कुमार के इस नरमदिल व्यवहार की तारीफ करनी चाहिए थी। अमिताभ ठाकुर ने फ़िज़ूल की टिप्पणी कर दी। कौन हैं ये प्रशांत कुमार और वो क्यों योगी आदित्यनाथ के इतने ख़ास हैं, क्यों कई लोग उनसे जलते हैं।  ये सब बताएँगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि हाल ही में कुंभ के सफल आयोजन के बाद ख़ुद पीएम मोदी ने यूपी पुलिस के मुखिया और पूरी टीम की तारीफ़ की थी।

कहते हैं अमिताभ ठाकुर को लोगों ने धिक्कारा और पूछा कि ऐसी हड़बड़ी क्या थी। जब लानतें मिलने लगीं तो सुना है वो डीजीपी प्रशांत कुमार से माफ़ी भी माँगने लगे हैं।बहरहाल एक पत्रकार साथी ने अमिताभ ठाकुर को क्या नसीहत दी, वो भी जान लीजिए… सुशील दुबे नाम के पत्रकार ने लिखा

आज पहली बार मुझे रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर जी पर दया आयी। अरे Up का एक बड़ा ताकतवर नाम जो धार्मिक संस्कारों से छटपूजा में सर पर डाला उठाये दिखते हैं, आज बेज़ुबान जानवरों को सम्मान और प्यार देने वालों के लिये डीजीपी  प्रशांत कुमार आइडियल मैन बन कर उभरे हैं। पालतू डॉग नेमो के मृत्यु के पश्चात् वो अपने प्रिय डॉगी को अंतिम बार मुक्ति के लिये हाथ जोड़ रहे हैं। इस पर भी अमिताभ ठाकुर  बेवजह प्रशांत कुमार को ट्रोल करते हैं प्रभु इनको भी ज्ञान की जरूरत है.  - सुशील दुबे, पत्रकार 

इस विवाद के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर दोनों फिर चर्चा में हैं… कुछ लोग प्रशांत कुमार के डॉगी से बेइंतहा प्रेम की तारीक कर रहे हैं तो वहीं कई लोग अमिताभ ठाकुर की निंदा कर रहे हैं। आख़िर क्यों मोदी और योगी डीजीपी प्रशांत कुमार की कार्यशैली के क़ायल हो चुके हैं ये भी जान लीजिए।

उत्तर प्रदेश के मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार तेज़ तर्रार अधिकारी हैं। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार का करियर तमिलनाडु कैडर के साथ शुरू हुआ। 1994 में उत्तर प्रदेश कैडर में स्थानांतरण हुआ, तब से वो यूपी में डटे हुए हैं। 300 से अधिक एनकाउंटर में शरीक प्रशांत कुमार से माफ़िया अपराधी ख़ौफ़ खाते हैं। संजीव जीवा, मुकीम काला जैसे कुख्यात अपराधियों का सफाया किया था । 2020, 2021, 2022, 2023 लगातार चार बार राष्ट्रपति का वीरता पुलिस पदक मिला। उत्तर प्रदेश में माफ़िया के ख़ात्मे में प्रशांत कुमार की अहम भूमिका रही है। महाकुंभ के सफल आयोजन और पुलिस बंदोबस्त की मिसाल दी जाती है।

वहीं पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का करियर विवादों में रहा है… जबरन रिटायरमेंट मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर आरटीआई एक्टिविज्म से जुड़ गए… हमेशा सुर्खियों में बने रहने की आदत की वजह से कई बार उन्हें फ़ज़ीहत भी झेलनी पड़ी है और इस बार भी  ग़लत टिप्पणी की वजह से अमिताभ ठाकुर की किरकिरी हो रही है… 

अमिताभ ठाकुर ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की और इसे अधिकारियों की विशेषाधिकार प्राप्त मानसिकता का उदाहरण बताया।

इस घटना के बाद, नगर निगम ने स्पष्ट किया कि जिस स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया, वह अधिकृत पशु श्मशान भूमि है, और डीजीपी ने वहां कोई नियम नहीं तोड़ा। हालांकि, अमिताभ ठाकुर ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम नागरिकों को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं, और यह घटना दर्शाती है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी अपने पालतू जानवरों के लिए भी विशेष सुविधाएं प्राप्त करते हैं।

यह विवाद सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा, जहां लोगों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ ने इसे अधिकारियों के विशेषाधिकार का दुरुपयोग माना, जबकि अन्य ने इसे एक भावनात्मक निर्णय के रूप में देखा।