देशभर में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – से इस विधेयक को पारित कर दिया गया है, लेकिन विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने इस पर कड़ा विरोध जताया है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जहां कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इसे चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वक्फ संशोधन अधिनियम को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक धार्मिक और सामाजिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
विधेयक को कानूनी चुनौती से गुजरना होगा – प्रमोद तिवारी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है, लेकिन अभी इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलनी बाकी है। इसके बाद यह कानूनी लड़ाई से भी गुजरेगा। हम वही करेंगे जो संवैधानिक रूप से सही होगा। यह संशोधन विधेयक असंवैधानिक है।"
सोनिया गांधी ने बताया ‘संविधान पर हमला’
कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की प्रमुख सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक संविधान पर सीधा हमला है और समाज को स्थायी रूप से ध्रुवीकृत बनाए रखने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।"
हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोनिया गांधी की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे "असंवैधानिक" करार दिया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सदस्य द्वारा इस तरह की टिप्पणी संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है।
वक्फ बिल के पक्ष और विपक्ष में कितने वोट मिले?
संसद में लंबे समय तक चली बहस और चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया गया।
लोकसभा में मतदान:
विधेयक के पक्ष में: 288 वोट
विधेयक के विरोध में: 232 वोट
राज्यसभा में मतदान:
विधेयक के पक्ष में: 128 वोट
विधेयक के विरोध में: 95 वोट
बहुमत के आधार पर यह विधेयक दोनों सदनों में पारित हो गया है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।