शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की तरफ से पाकिस्तान की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को अपनी सरकार की नीति बना चुके हैं ।उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज़ादी के बाद से ही आतंकवाद से जूझ रहा है और कहा कि भारत को आतंकवाद और आतंकवाद को फंडिंग देने वाली ताकतों से लड़ना पड़ता है। खासतौर पर उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया। जयशंकर का यह बयान साफ दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कितना सख्त है।
UNGA में जयशंकर का इशारा, पाकिस्तान खुद आया घेरे में
एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान दुनिया के देशों से यह अपील की कि वे उन देशों की साफ तौर पर निंदा करें जो आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति के रूप में अपना चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों को मिलने वाली फंडिंग पर रोक लगाई जाए और बड़े आतंकियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं। जयशंकर ने बताया कि भारत ने हमेशा अपनी जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और आतंकवादियों को सज़ा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने अप्रैल में पहलगाम में हुए उस हमले का उदाहरण दिया जिसमें निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी।
आतंकवाद पर दिए गए बयान पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने "राइट टू रिप्लाई" का इस्तेमाल करते हुए, जवाब मे कहा कि भारत उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने भारत के बयान को जानबूझकर फैलाया गया झूठ बताया।, जबकि जयशंकर ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था। भारत का कहना है, कि पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया दिखाती है, कि वह खुद मानता है, कि वह लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद में शामिल रहा है।
रेंटाला श्रीनिवास: पाकिस्तान की साख उसके ही कामों से सामने आती है
भारत के स्थायी मिशन में दूसरे सचिव रेंटाला श्रीनिवास ने पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि उसकी साख किसी और के कहने से नहीं, बल्कि खुद उसके कामों से सामने आती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है, उसका असर सिर्फ भारत जैसे पड़ोसी देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया इस खतरे को महसूस कर रही है।