धर्म पूछा और मार दी गोली। कश्मीर के पहलगाम के ये वो शब्द हैं जो देश में लोगों को सोने नहीं दे रहे हैं। पहलगाम में दहशतगर्दी का ऐसा खौफनाक खेल खेला गया कि सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे। बैसरन में हमले की खबर मिलते ही पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। घास के मैदान में लोगों ने किसी तरह छिपकर जान बचाई।
कुछ पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं। इसमें वो बचकर भागते देखे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए।इंटेलिजेंस एजेंसियों के सूत्रों की माने तो पाकिस्तान में बैठा लश्कर का आतंकी इस हमले का मास्टरमाइंड है। सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं।
एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले में आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा शामिल थे। हालांकि, कौन सी तस्वीर किसकी है, यह साफ नहीं हो पाया है और इन सबका मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ मास्टर माइंड सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है।
इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि इस हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। इस बीच, पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है। आख़िर क्या है पाकिस्तान का कनेक्शन एक-एक सच सामने आएगा, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं। मास्टर माइंड सैफुल्लाह कौन है।
पहलगाम अटैक में दो फॉरेन टेररिस्ट और दो लोकल आतंकी शामिल थे, मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है, PoK से ऑपरेट कर रहा था। इसकी लोकेशन रावलकोट बताई गई है, जहां से वो निर्देश दे रहा था। सैफुल्लाह ने एक महीने पहले हमले की चेतावनी दी थी। 2019 का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो ज़हर उगल रहा है। वीडियो में सैफुल्लाह ने कहा था कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।
इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा है। पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल इसका प्रमुख है। उसी के इशारे पर TRF का लोकल माड्यूल जम्मू-कश्मीर में लगातार हमलों को अंजाम दे रहा है।
TRF का काला चिट्ठा
पाकिस्तानी सेना और ISI की ढाल है TRF
TRF लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है
धारा 370 हटाए जाने के बाद 2019 में इस नाम से आतंकी गुट बना
इसका मकसद भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना है
TRF आज जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी खतरा है
TRF को बनाने में लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का हाथ है
इस फ्रंट में आतंकवादी साजिद जट्ट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी प्रमुख हैं
टीआरएफ के ख़ूँख़ार आतंकियों और स्लीपर सेल की पूरी लिस्ट एक बार फिर खंगाली जा रही है… एनआईए की टीम अब इन आतंकियों को मांद से भी निकाल कर इनके अंजाम तक पहुँचाएगी.. आपको बताते हैं कि आख़िर कैसे ऑपरेट करता है TRF?
TRF कश्मीरी पंडितों, हिंदू, सिख, कर्मचारियों और प्रवासी मजदूरों को टारगेट करता है
बाकी आतंकी संगठनों की तरह TRF में कोई फिदायीन हमलावर नहीं होता
संगठन में ऐसे युवाओं को शामिल किया गया है, जो सुरक्षा बलों के रडार पर नहीं हैं
यही नहीं युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल कराने के लिए सोशल मीडिया पर साइकोलॉजिकल ऑपरेशन चलाया जाता है। वहीं TRF ने सेना पर हमलों को शूट करने के लिए ग्रोपो जैसे बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया था
टीआरएफ ने कौन-कौन से हमले किए?
अप्रैल 2020: केरन सेक्टर में हमले में 5 सैनिक शहीद हुए थे
30 अक्टूबर 2020: कुलगाम में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या
26 नवंबर 2020: श्रीनगर में सेना की 2 राष्ट्रीय राइफल्स पर हमला
26 फरवरी 2023: पुलवामा में कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या
20 अक्टूबर 2024: गांदरबल में एक डॉक्टर और 6 प्रवासी श्रमिकों की हत्या की गई
कश्मीर में यह हमला तब हुआ, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं। अमरनाथ यात्रा से पहले पर्यटकों ने घाटी को खून से लहूलुहान किया है। आतंकी हमले की अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल समेत दुनियाभर के तमाम देशों ने ना सिर्फ निंदा की, बल्कि हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की वकालत की है। सवाल 2019 की तरह ही है क्या भारत बदला लेगा।