कश्मीर में लहराया तरक्की का तिरंगा, पीओके भी मांगे मोदी !

Authored By: News Corridors Desk | 06 Jun 2025, 03:36 PM
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शुक्रवार को कश्मीर से कुछ ऐसी तस्वीरें आई जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है । अंजी खड्ड पुल पर तिरंगा लहराते प्रधानमंत्री मोदी की ये बेजोड़ तस्वीरें हैं जिनके कई मायने हैं । इन तस्वीरों ने देशवासियों को उनकी सुरक्षा और विकास यात्रा को लेकर आश्वस्त किया है, वहीं पाकिस्तान और दुनिया को पैगाम दिया है कि भारत के लोग ना डरने वाले हैं, ना झुकने वाले हैं और ना ही थमने वाले है ।

बुलंदियों के सफ़र का भारत का सिलसिला बेरोकटोक जारी रहेगा और विजय पताका यूं ही लहराती रहेगी । इन तस्वीरों में रेलवे की शान भी जुड़ गई है , क्योंकि रेलवे और उसके इंजीनियर्स ने वो कर दिखाया है जो दुनिया के कम ही मुल्कों के लिए संभव हो सका है ।

बदलते कश्मीर का ख़ुशनुमा रंग 

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घाटी की तकदीर बदलने वाली इस तस्वीर में आजादी के बाद बदलते कश्मीर के ख़ुशनुमा रंग हैं । पीएम मोदी ने जब दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई तब किसी को कोई संदेह नहीं रहा कि अंजी खड्ड और चेनाब के पुल पर दौड़ती वंदे भारत न केवल घाटी से देश के कनेक्शन को पुख्ता करेंगी बल्कि इस इलाके के विकास की नई कहानियां भी लिखेंगी ।

आजादी के बाद के 78 सालों में ये पहला मौका है जब कटरा से बनिहाल तक ट्रेन के हॉर्न की गूंज में भारत की जयकार सुनाई दे रही है । जम्मू कश्मीर को मिली इस सौगात के गवाह राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एलजी मनोज सिन्हा, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव,केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, वी सोमन्ना, रवनीत सिंह और कई सांसद, विधायक रहे । 

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भारतीय रेलवे और इंजीनियर्स की उस श्रम साधना का कमाल

दुनिया के सबसे ऊंचे रेल आर्च ब्रिज चेनाब और अंजी खड्ड रेलवे पुल ने भारतीय रेलवे और इंजीनियर्स की श्रम साधना को दुनिया में एक अलग पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है ।  प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों पुल का उद्घाटन कर कटरा और श्रीनगर को एक कर दिया है । यानि अब कटरा से आगे की यात्रा करने वालों को न तो ट्रेन छोड़नी होगी और न उन्हें बसों की राह तकनी होगी । लोग अब ट्रेन के ज़रिए ही श्रीनगर पहुंच सकेंगे।

जिन कठिन परिस्थितियों में  पुल को तैयार किया गया है...वो अपने आप में चुनौतियों का पहाड़ तोड़ने जैसा है क्योंकि जिस अंजी खड्ड पुल पर प्रधानमंत्री ने भारत की पताका फहराई है अगर उसकी खूबियों की बात करें तो, अंजी खड्ड पुल भारतीय रेलवे का पहला केबल से बंधा हुआ पुल है । 

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यह 725 मीटर लम्बा है जिसका 473.25 मीटर हिस्सा मुख्य माना गया है । अंजी खड्ड पुल 193 मीटर ऊंचे एक पायलन पर टिका हुआ है । पुल को सहारा देने के लिए 96 केबल्स का इस्तेमाल किया गया है  जो 48 मीटर से 295 मीटर तक की लम्बाई के हैं । इन केबल्स का वजन 849 मीट्रिक टन है और इनकी कुल लम्बाई 653 किलोमीटर है । 

चिनाब पुल भी अपने आप में कई रिकॉर्ड समेटे है

सिर्फ अंजी खड्ड पुल ही नहीं रेलवे की उपलब्धियों के खाते में दर्ज है, बल्कि चिनाब नदी पर बना चिनाब पुल भी अपने आप में कई रिकॉर्ड समेटे है । यह दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बन चुका है । 1315 मीटर लम्बे पुल की चिनाब नदी के तल से ऊंचाई 359 मीटर है जो पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर और कुतुब मीनार से पांच गुणा अधिक ऊंचा है ।

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 पुल का आर्क स्पैन 467 मीटर का है । चिनाब ब्रिज 266 किलोमीटर प्रति घंटा तक की हवाओं का सामना कर सकता है । इसमें करीब 30 हजार टन इस्पात इस्तेमाल किया गया है जो एफिल टावर में लगे इस्पात से करीब 3 गुणा ज्यादा है । इस आर्क ब्रिज को 17 पिलर के जरिए सपोर्ट दिया गया है

अब ये दोनों पुल कश्मीर और देश को सौंपे जा चुके हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने ये सौगात देकर पड़ोसी पाकिस्तान को हिंदुस्तान की तरक्की का वो रास्ता दिखाया है जिसे सोच पाना उसके लिए सिर्फ सपना है । बहरहाल इन तस्वीरों को देख पाक के क़ब्ज़े वाले कश्मीर की आवाम भी ये ज़रूर पूछेगी कि हमें तरक़्क़ी की ये रफ़्तार कब नसीब होगी ? हमें नरेंद्र मोदी जैसा हुक्मरान कब नसीब होगा ?