लाल किले पर कब्जे की मांग सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, जानें क्या है पूरा मामला

Authored By: News Corridors Desk | 05 May 2025, 03:56 PM
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मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर द्वितीय के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम द्वारा दिल्ली के लाल किले पर कब्जे की मांग को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने इस याचिका को "बेतुका और सुनवाई के लायक नहीं" बताते हुए एक झटके में खारिज कर दिया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट भी इस याचिका को खारिज कर चुका था।

क्या थी सुल्ताना बेगम की मांग?

सुल्ताना बेगम, जो कोलकाता के पास हावड़ा में रहती हैं, ने खुद को मुगल वंश की कानूनी उत्तराधिकारी बताते हुए यह मांग की थी कि उन्हें लाल किले का स्वामित्व दिया जाए। उनका दावा था कि यह संपत्ति उनके पूर्वजों की थी और उन्हें इस पर अधिकार मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश संजय खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की। पीठ ने कहा:

“यह याचिका पूरी तरह से बेतुकी है और सुनवाई के योग्य नहीं है। अगर ऐसा ही है तो फिर सिर्फ लाल किला ही क्यों? फतेहपुर सीकरी और अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर भी दावा किया जाना चाहिए।”

इस टिप्पणी से साफ है कि न्यायालय इस तरह के ऐतिहासिक संपत्तियों पर वंशानुगत दावों को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है।

164 साल बाद आया दावा, हाई कोर्ट पहले ही कर चुका था खारिज

सुल्ताना बेगम ने यह याचिका पहली बार 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की थी। हाई कोर्ट ने याचिका को 164 साल की देरी के आधार पर खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि इतनी लंबी देरी के बाद इस तरह का दावा करना कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, सुल्ताना बेगम की इस याचिका के पीछे की मंशा यह भी हो सकती है कि सरकार उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ सहायता प्रदान करे। हालांकि, उनकी यह उम्मीद भी अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद धूमिल हो गई है।