तूफान में हिचकोले खा रहा था प्लेन...डर से चीख रहे थे 227 लोग...पाकिस्तान ने नहीं दी लैंडिंग की इजाजत

Authored By: News Corridors Desk | 23 May 2025, 05:18 PM
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21 मई की शाम को जब मौसम ने अचानक करवट बदला तो दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-2142 तेज आंधी और ओलावृष्टि में फंस गई । तब फ्लाइट पंजाब के पठानकोट के ऊपर लगभग 36,000 फीट की ऊंचाई पर हिचकोले पर हिचकोले खा रही थी और उसमें बैठे 227 लोग जिनमें 5 सांसद भी थे, ईश्वर को याद कर रहे थे ।

 किसी अनहोनी की आशंका से सब घबराए हुए थे परन्तु पायलट बहादूरी के साथ इस प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे थे । उनकी कोशिश थी कि किसी भी तरह से पास के किसी एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराया जाए ताकि उसमें सवार यात्रियों की जान बचाई जा सके । 

बहादूर पायलट आखिरकार अपनी कोशिश में कामयाब रहे और आखिरकार श्रीनगर एयरपोर्ट पर क्षतिग्रस्त विमान को सफलतापूर्वक लैंड कराया । परन्तु इस बीच की जो घटनाक्रम रही उसने दुनिया भर में पाकिस्तान के अमानवीय चेहरे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है । 

पायलट ने मांगी मदद लेकिन पाकिस्तान ने कर दिया इनकार

इंडिगो एयरलाइंस का विमान जब पठानकोट के ऊपर पहुंचा तो आंधी में फंस गया । आसमान में घने बादल छा गए और तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई । विमान में मौजूद यात्रियों द्वारा शूट किए गए कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें देखा गया कि विमान जोर-जोर से झटके खा रहा था और यात्री डर के मारे चीख रहे थे । बच्चों और महिलाओं की आवाजें इन वीडियो में साफ सुनी जा सकती हैं।

जब पायलट को लगा कि विमान नियंत्रण से बाहर जा रहा है तो उन्होने सबसे पहले भारतीय वायुसेना के तहत काम करने वाले नॉर्दर्न एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क किया। उन्होंने अनुरोध किया कि तूफान से बचने के लिए विमान को पाकिस्तान की दिशा में मोड़ने दिया जाए, क्योंकि वहीं से तूफान से बाहर निकलने का रास्ता था । लेकिन संभवत: सुरक्षा कारणों से यह अनुमति नहीं दी गई ।

इसके बाद पायलट ने लाहौर ATC (पाकिस्तान) से भी संपर्क किया और कुछ देर के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत मांगी ताकि वे तूफान से बच सकें। लेकिन पाकिस्तान की ओर से भी इस अनुरोध को खारिज कर दिया गया। 

ऐसे में पायलट के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचा था । दिल्ली वापस लौटने में भी कम जोखिम नहीं था लिहाजा उन्होने श्रीनगर की ओर उड़ान जारी रखने का निर्णय लिया । यह रास्ता भी खतरनाक था, लेकिन सबसे छोटा और तेज विकल्प था ।

ऑटोपायलट फेल, मैन्युअल कंट्रोल ने बचाई जान

जब विमान तूफान के बीच से गुजर रहा था, तो उसे तेज हवा के झोंकों और ओलों का सामना करना पड़ा। झटकों की वजह से ऑटोपायलट मोड बंद हो गया और विमान को पायलट को खुद ( मैनुअली )  नियंत्रित करना पड़ा । 

डीजीसीए के का कहना है कि तब प्लेन की गति बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी और कई तकनीकी चेतावनियां भी मिलने लगीं । आखिरकार पायलट ने मैन्युअल मोड में विमान को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लिया और श्रीनगर एयरपोर्ट को इमरजेंसी लैंडिंग का संदेश भेजा ।

श्रीनगर ATC ने तुरंत विमान को लैंडिंग के लिए रडार से रास्ता दिखाया और आखिरकार फ्लाइट ने शाम 6:30 बजे सुरक्षित लैंडिंग कर ली । किसी भी यात्री या क्रू मेंबर को कोई चोट नहीं आई, लेकिन विमान के अगले हिस्से (रेडोम) को काफी नुकसान पहुंचा है । डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है ।