सूर्य ग्रहण 2025: 122 साल बाद पितृपक्ष में साल का आखरी सूर्य ग्रहण।

Authored By: News Corridors Desk | 20 Sep 2025, 08:12 PM
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 इस बार का सूर्यग्रहण पितृपक्ष के आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर हो रहा है। यह संयोग 122 साल बाद बना है, जब पितृपक्ष की शुरुआत चंद्रग्रहण से हुई और जिसका समापन सूर्यग्रहण पर होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण रात में लग रहा है। इसलिए इसका सूतक भारत में मान्य नहीं होगा हालांकि, धार्मिक मान्यताओं की बात करे तो  भले ही सूतक लागू न हो, लेकिन ग्रहण से जुड़ी सावधानियां ज़रूर बरतनी चाहिए। परंपरा के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले आरंभ होता है और इसके समाप्त होने पर खत्म होता है। इसी आधार पर, 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस दिन तर्पण और श्राद्ध का समय दोपहर 1:27 से 3:53 तक शुभ रहेगा। यह समय पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।

सूर्य ग्रहण किन राशियों के लिए रहेगा अशुभ?

साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने वाला है। भले ही यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। इस ग्रहण का प्रभाव खासतौर पर नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला माना जाता है, जो कुछ राशियों के लिए कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ लेकर आ सकता है।

इस बार का सूर्य ग्रहण वृषभ, कर्क, कन्या, और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ परिणाम दे सकता है। इन जातकों को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, धन हानि, करियर में अड़चनें या रिश्तों में खटास जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इन राशियों के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने, सकारात्मक सोच बनाए रखने और धार्मिक उपाय करने की सलाह दी जाती है।

साल के आखिरी सूर्य ग्रहण पर गर्भवती महिलाएं न करें ये गलतियां।

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। ऐसा विश्वास है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव बढ़ जाता है। सामान्य रूप से इसका असर सभी लोगों पर पड़ता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है। यही वजह है कि धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ खास नियमों और सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में जानना ज़रूरी है कि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को किन कार्यों से परहेज़ करना चाहिए।

सूर्य की किरणों से बचें

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस समय घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखना उचित माना जाता है, क्योंकि ऐसा विश्वास है कि ग्रहण के समय की सूर्य किरणें मां और गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए गर्भवती महिलाओं को इस अवधि में घर के अंदर रहना ही सबसे अच्छा होता है।

सूर्य की किरणों से बचें

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचना चाहिए। इस समय घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखना उचित माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय की सूर्य की किरणें मां और गर्भस्थ शिशु पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए इस दौरान घर के अंदर रहना सबसे अच्छा होता है।

नुकीली वस्तुओं से दूरी बनाएं

सूतक और ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को चाकू, कैंची या सुई जैसी नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इनका प्रयोग गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर डाल सकता है।सूर्य ग्रहण के समय केवल गर्भवती महिलाएं ही नहीं, बल्कि सभी लोग कुछ सावधानियां अपनाएं। घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, और मंत्रोच्चार या ध्यान करते रहें। आप अपनी राय कमेंट में शेयर कर सकते हैं कि आप इन सावधानियों के बारे में क्या सोचते हैं।