बीजेपी में सुनील बंसल को एक बेहतरीन संगठनकर्ता के रुप में जाना जाता है । पार्टी में उनकी छवि चाणक्य की भी है । पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड में नजर आ रही है । खासकर पार्टी की सांगठनिक शक्ति को बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है । यह काम पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और पश्चिम बंगाल में पार्टी के संगठन प्रभारी सुनील बंसल की अगुवाई में किया जा रहा है ।
इसी सिलसिले में कोलकाता स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की एक अहम बैठक हुई । इसमें सुनील बंसल के अलावा पार्टी के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे, प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार , प्रदेश संगठन महामंत्री अमिताभ चक्रवर्ती और सह प्रभारी अमित मालवीय भी मौजूद रहे । बैठक में राज्य के मौजूदा हालात, आगे की चुनौतियों और उससे निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई ।
सुनील बंसल की बेहतरीन संगठनकर्ता और चाणक्य की छवि

बीजेपी में सुनील बंसल को एक बेहतरीन संगठनकर्ता के रुप में जाना जाता है । पार्टी में उनकी छवि चाणक्य की भी है । 2014 में उत्तर प्रदेश में पार्टी का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद से वह लगातार चर्चा में हैं । तत्कालीन पार्टी प्रभारी अमित शाह के साथ मिलकर उन्होने 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से संगठन में जान फूंकी और बाजी पलटते हुए पार्टी को 71 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाई ।
अमित शाह की रणनीति को जमीन पर उतारने में सुनील बंसल मे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इसके बाद से अमित शाह के साथ उनकी जोड़ी को जीत का पर्याय माना जाने लगा । उत्तर प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की शानदार सफलता के सूत्रधारों में माने जाते हैं ।
पार्टी की ओर से जिम्मेदारी मिलने के बाद सुनील बंसल ने ऐसा करिश्मा उड़ीसा में भी दिखाया जहां लंबे समय से सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक के किले को भेदना आसान नहीं था । इसी तरह से तेलंगना में भी लोकसभा की 17 में 8 सीटों पर जीत दिलाने में उन्होने बड़ी भूमिका निभाई ।
जमीन पर उतर के काम करते हैं सुनील बंसल

सुनील बंसल ने राज्य में संगठन का प्रभार संभालने के बाद से जिस तरह काम करना शुरू किया है ,उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह भी काफी बढ़ा है । बताया जाता है कि सुनील बंसल सभी जिलाध्यक्षों और अन्य अहम पदाधिकारियों से सीधा संवाद करते हैं । इतना ही नहीं बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के उन नेताओं तक से फीड बैक लेते हैं जो पहले चुनाव हार चुके हैं या किसी कारण से राजनैतिक सक्रियता कम कर दी है ।
इसका सीधा फायदा पार्टी की रणनीति बनाने में मिलता है । पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी के कार्यकर्ता, नेता और पार्टी के समर्थक गृहमंत्री अमित शाह और सुनील बंसल से उसी रणनीति की अपेक्षा कर रहे हैं जिसके जरिए उन्होने कई अभेद्य किले ध्वस्त किए हैं ।