सहारा कहने वाला अब कोई और कुछ नहीं बचेगा ?

Authored By: News Corridors Desk | 30 Sep 2025, 04:26 PM
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पूरे देश में कभी सहारा एक ब्रांड हुआ करता था लेकिन अब उसका नाम लेने वाले भी इक्के दुक्के संस्थान बचे हैं. लेकिन जल्द ही सहारा का पूरा साम्राज्य खत्म हो जाएगा. क्योंकि सहारा ग्रुप ने अदाणी प्रॉपर्टीज को अपनी संपत्ति बेचने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मांगी है. सहारा की एक कंपनी ने महाराष्ट्र में एम्बी वैली और लखनऊ में सहारा शहर समेत विभिन्न संपत्तियों को अदाणी को बेचने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. इस पर 14 अक्टूबर को सुनवाई हो सकतीं है.

क्यों संपत्तियां बेच रहा है सहारा ग्रुप 

सहारा ग्रुप  की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि न्यायालय द्वारा समय-समय पर मिलेआदेशों के कारण SICCL और सहारा समूह बड़ी मुश्किल से अपनी कुछ चल एवं अचल संपत्तियों को बेच पाया है. खास बात है कि इन संपत्तियों को बेचने से मिलने वाली राशि को बाजार नियामक सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कर दिया गया.  निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु परिवार के सदस्यों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए सहारा समूह ने निर्णय लिया है कि उसकी संपत्तियों को अधिकतम मूल्य पर और शीघ्रता से बेचा जाए ताकि इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन किया जा सके, सहारा समूह के दायित्वों का निर्वहन किया जा सके और वर्तमान अवमानना कार्यवाही को समाप्त किया जा सके

सहारा ग्रुप के मुताबिक़ कुल 24,030 करोड़ रुपये की मूल राशि में से सहारा ने अपनी चल एवं अचल संपत्तियों की बिक्री/परिसमापन के माध्यम से लगभग 16 हजारकरोड़ रुपये  जुटाए हैं और उसे सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कर दिया है. SICCL ने कहा कि नवंबर 2023 में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन होने के बाद समूह ने अपना एकमात्र निर्णयकर्ता खो दिया है जो अब तक समूह की ओर से सभी निर्णय ले रहा था. इसलिए ये फैसला पूरे सहारा ग्रुप और सहारा परिवार की ओर से लिया गया है. ऐसे में ये लग रहा है कि जल्द ही सहारा की कोई कंपनी, ज़मीन या संस्थान बचेंगे नहीं सब बिक जाएंगे.