RSS के 100 साल के पर्व में पीएम मोदी भी हुए शामिल, विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया

Authored By: News Corridors Desk | 01 Oct 2025, 05:34 PM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में डाक टिकट और एक सिक्का जारी किया डाक टिकट पर RSS के सेवा कार्यों और गौरवमयी इतिहास का चित्रण हैं. 1963 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान RSS के स्वयंसेवक ने राजपथ पर मार्च किया था. यह मार्च पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर हुआ था, जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान RSS स्वयंसेवकों के बेहतरीन प्रयासों को स्वीकार किया था. आरएसएस भी उस पल को गर्व के साथ याद करता है. ऐसे ही कई यादगार पलों को अब सरकार ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट में उतारा है,  इसमें RSS के बाढ़ एवं राहत कार्यो का भी मुद्रण किया गया है. 

पहली बार किसी सिक्के में भारत मां का चित्रण


वहीं स्मारक सिक्के पर पहली बार भारत माता के सामने पारंपरिक मुद्रा में खड़े आरएसएस स्वयंसेवक दिखाए गए हैं. सिक्के के पिछले हिस्से पर भारत माता की छवि के साथ तीन स्वयंसेवक गर्भित मुद्रा में देवी को सलामी देते हुए दिखते हैं, जबकि सिक्के के आगे की ओर अशोक स्तंभ का शेर चिन्ह अंकित है.
. सिक्का शुद्ध चांदी का है और इसका मूल्यवर्ग 100 रुपये है. प्रधानमंत्री की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम का शीर्षक रखा गया है- मातृभूमि की सेवा के लिए सदा समर्पित

PMO ने बयान जारी कर RSS की तारीफ़ की


प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि RSS  भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए जनता से जुड़ा आंदोलन है. इसका उदय और बढ़ती लोकप्रियता की वजह भारत में लोगों का राष्ट्रीय गौरव की भावना से गहरा जुड़ाव है. संघ का मूल उद्देश्य देशभक्ति और राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना है. यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, अनुशासन, आत्म-संयम, साहस और वीरता का संचार करता है. संघ का लक्ष्य राष्ट्र का सर्वांगीण विकास है. जिसके लिए हर स्वयंसेवक अपना जीवन समर्पित कर देता है.

RSS के अच्छे कामों का जिक्र भी PMO ने किया


पीएमओ के मुताबिक, आरएसएस के स्वयंसेवकों ने बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.  पिछली एक सदी में आरएसएस ने केवल आपदा राहत में ही नहीं अपितु शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण में भी अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा, आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को मजबूत करने का काम दिन रात कर रहे हैं 
पीएमओ ने कहा कि शताब्दी समारोह न केवल आरएसएस की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा में उसके स्थायी योगदान और राष्ट्रीय एकता के संदेश को भी उजागर करता है