22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया। आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाते हुए 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने पहले लोगों से कलमा पढ़ने को कहा और उनकी पैंट उतरवाकर धर्म की पहचान की, जिसके बाद कई को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर मौत के घाट उतार दिया गया।
रॉबर्ट वाड्रा का विवादित बयान
जहां देश इस बर्बरता पर एकजुट होकर आतंकवाद और इसके पीछे छिपे पाकिस्तान-समर्थित नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है, वहीं कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
वाड्रा ने हमले की निंदा करते हुए इसे भारत में मुसलमानों के साथ हो रहे कथित दुर्व्यवहार से जोड़ा। उन्होंने कहा:
"यह हमला एक संदेश है कि देश में अल्पसंख्यक असुरक्षित और कमजोर महसूस कर रहे हैं। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जो विभाजन इस सरकार ने खड़ा किया है, उसी का नतीजा ऐसे हमलों के रूप में सामने आ रहा है।"
इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नाराजगी पैदा कर दी है।
हाई कोर्ट में दाखिल हुई याचिका
वाड्रा के बयान के खिलाफ हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस सहित कई संगठनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की है। याचिका में निम्नलिखित मांगें की गई हैं:
एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया जाए।
वाड्रा के बयान की गंभीर जांच कराई जाए।
BNS (भारतीय न्याय संहिता) के तहत कार्रवाई की जाए।
इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है और इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं।
विपक्ष के कई नेताओं ने वाड्रा के बयान से खुद को अलग कर लिया है, जबकि भाजपा और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने इसे "आतंकियों को नैतिक समर्थन" देने वाला बताया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि "जब देश एकजुट होकर आतंकवाद का विरोध कर रहा है, तब इस तरह के बयान राष्ट्रविरोधी ताकतों को बल देते हैं।"
इस आतंकी घटना में जिन 26 लोगों की हत्या हुई, उनमें अधिकतर पर्यटक थे जो वसंत की खूबसूरत वादियों में छुट्टियां मनाने आए थे।
हमले की जिम्मेदारी पहले TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है। हालांकि बाद में TRF ने अपने दावे से इनकार कर दिया।
हमले की जांच में NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस जुटी हुई हैं। तीन संदिग्धों की पहचान हो चुकी है और 60 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने पर्यटक स्थलों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए प्लान पर भी काम शुरू कर दिया है।