बिहार में चक्का जाम:तेजस्वी बोले-लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई,राहुल ने कहा-वोट चुराने की हो रही साजिश

Authored By: News Corridors Desk | 09 Jul 2025, 04:15 PM
news-banner

बिहार मतदाता सूचि के विशेष गहन पुनरीक्षण ( Special Intensive Revision -SIR ) के विरोध में महागठबंधन के बिहार बंद का राज्य के कई इलाकों में असर दिखा । खासकर रेल और सड़क यातायात पर इसका प्रभाव अधिक रहा ।  सुबह से ही महागठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और यातायात को बाधित कर दिया । 

महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने पटना शहर के कई इलाकों के साथ-साथ  गांधी सेतु पुल को भी जाम कर दिया जिससे लोगों को काफी दूर तक पैदल चलकर अपना सफर पूरा करना पड़ा । यही स्थिति राज्य के कई इलाकों में बनी रही । कई जगहों पर ट्रेनों को रोके जाने से उनमें सवार यात्री काफी परेशान रहे । हालांकि इस दौरान राज्य में हिंसा की किसी बड़ी घटना की खबर नहीं आई लेकिन शहरी इलाकों में खास तौर से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त दिखा । 

IQMHoM7LFThQqBk.jpeg

बंद को को समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मंगलवार को पटना पहुंचे और तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा किया । इस मौके पर गठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेता भी सड़क पर उतरे । इनकम टेक्स गोलंबर से तेजस्वी की अगुवाई में एक खुले ट्रक में सवार होकर ये नेता निकले लेकिन शहीद स्मारक के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया । इसके बाद उन्होंने वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि, लोकतंत्र को बचाने के लिए चक्का जाम किया गया है । उन्होंने कहा कि तानाशाही को नहीं चलने देंगे । वहीं राहुल गांधी ने अपने पुराने आरोप को दोहराते हुए कहा कि, बिहार में भी उसी तरह से वोटों को चुराने की कोशिश हो रही है जैसा कि महाराष्ट्र में किया गया । 

लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई - तेजस्वी 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जो मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान चल रहा है, उसमें भारी गड़बड़ी हो रही है । उन्होंने कहा कि, कहीं कहा जा रहा है कि 'केवल आधार कार्ड काफी है', तो कहीं यह कहा जा रहा है कि कोई दस्तावेज नहीं मांगा जा रहा । इससे लोगों में भ्रम की स्थित बन गई है ।

 तेजस्वी ने यह भी कहा कि वे खुद पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से बात कर रहे हैं । लोग उन्हें बता रहे हैं कि हर जगह अलग-अलग नियम लागू हो रहे हैं । तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे "फर्जीवाड़े का एक लाइव शो चल रहा है", जिसमें हर दिन हर घंटे नई स्क्रिप्ट, नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं । राजद नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले चुनाव आयोग जल्दबाज़ी में आंकड़ों की बाज़ीगरी से सच्चाई को ढकने की कोशिश कर रहा है । 

महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी वोट चुराने की साजिश - राहुल

u8HCQH1q3xf17q1.jpeg

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग बिहार में वही कर रहा है, जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि, जब महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव हुए, तो INDIA गठबंधन को वहां जीत मिली । लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव से पहले अचानक एक करोड़ ज्यादा वोटर आ गए । हमने इसकी जांच की तो पाया कि लाखों वोट फर्जी तरीके से जोड़े या काटे गए । अब वही स्कीम बिहार में भी चल रही है।

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट मांगी, लेकिन आज तक नहीं मिला । उन्होंने कहा कि अब बिहार में उसी तरह से गरीबों के वोट छीनने की साजिश हो रही है । 

चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। बिहार की जनता को चेताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आपका वोट ही नहीं, आपका भविष्य भी खतरे में है । 

मतदाता सूचि के विशेष गहन पुनरीक्षण का क्यों विरोध कर रहा महागठबंधन ? 

बिहार में मतदाता सूचि के विशेष गहन पुनरीक्षण का विपक्षी पार्टियां काफी विरोध कर रही हैं । उनका कहना है कि चुनाव के  महज चार महीने पहले जिस कदर जल्दबाजी में इस अभियान को चलाया जा रहा है, उससे चुनाव आयोग की मंशा पर शक होता है । विपक्ष का कहना है इतने कम समय में मतदाताओं के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराना काफी मुश्किल है । खासकर गरीब वर्ग के लोगों और महिलाओं के लिए ।

विपक्ष का यह भी कहना है कि लाखों लोग रोजगार के लिए राज्य से बाहर रहते हैं उन्हे भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में लाखों मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से कटने का डर है । 

वहीं चुनाव आयोग ने विपक्ष की तमाम शंकाओं को खारिज किया है । चुनाव आयोग का कहना है कि प्रक्रिया को काफी सरल बनाया गया है और जहां जरूरत है वहां लोगों को दस्तावेज पेश करने के लिए एक नहीं बल्कि कई सारे विकल्प दिए गए हैं । चुनाव आयोग का कहना है कि इस अभियान से सही मतदाताओं को कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन फर्जी मतदाताओं की पहचान कर उनका नाम मतदाता सूचि से हटा दिया जाएगा ।