रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट को दिया भरोसा- 'शो में मर्यादा का पालन करूंगा'

Authored By: News Corridors Desk | 01 Apr 2025, 06:33 PM
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यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को लिखित रूप से आश्वासन दिया कि वह अपने शो में शालीनता बनाए रखेंगे।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ को बताया कि उनके मुवक्किल ने यह लिखित आश्वासन दाखिल किया है और वह मामले की जांच में सहयोग कर रहे हैं। चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबादिया पर लगाई गई पासपोर्ट जमा करने की शर्त में संशोधन करने का अनुरोध किया, यह दलील देते हुए कि यह शर्त उनकी आजीविका को प्रभावित कर रही है।

इलाहाबादिया के पासपोर्ट पर दो हफ्ते बाद होगा विचार

चंद्रचूड़ ने कहा कि इलाहाबादिया को विभिन्न लोगों के साक्षात्कार के लिए विदेश यात्रा करनी पड़ती है, जिसके लिए कई दौर की बैठकें करनी जरूरी होती हैं। इस पर पीठ ने कहा कि यदि इलाहाबादिया विदेश चले गए, तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है। 

न्यायालय ने महाराष्ट्र और असम सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जांच कितने समय में पूरी हो सकती है। मेहता ने जवाब दिया कि उन्हें इस बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं मिला है, लेकिन जांच दो हफ्ते में पूरी होने की संभावना है। इसके बाद पीठ ने कहा कि वह इलाहाबादिया के पासपोर्ट वापस करने के अनुरोध पर दो हफ्ते बाद विचार करेगी।

शीर्ष अदालत ने इलाहाबादिया को तीन मार्च को अपना पॉडकास्ट 'द रणवीर शो' फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि शो में "नैतिकता और शालीनता" बनाए रखनी होगी और इसे सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाया जाना चाहिए।

विवाद में फंसे रणवीर इलाहाबादिया

यूट्यूबर समय रैना के यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट टैलेंट' में अभिभावकों और यौन संबंधों पर विवादित टिप्पणी करने के कारण रणवीर इलाहाबादिया मुश्किल में पड़ गए थे। उनकी इन टिप्पणियों के कारण महाराष्ट्र और असम के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं।

18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था, हालांकि अदालत ने उनकी टिप्पणियों को "अश्लील" करार दिया था। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि "उनकी विकृत मानसिकता से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा।" अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या निर्णय लिया जाता है।