राहुल गांधी और खरगे ने PM मोदी को लिखा पत्र, 'पहलगाम हमले पर बुलाया जाए संसद का विशेष सत्र'

Authored By: News Corridors Desk | 29 Apr 2025, 11:59 AM
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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई। मृतकों में अधिकांश पर्यटक और हिंदू समुदाय से थे, जिन्हें कथित तौर पर धर्म पूछकर निशाना बनाया गया। इस बर्बर घटना के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई है।

सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और आम नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।

कांग्रेस की मांग: बुलाया जाए संसद का विशेष सत्र

कांग्रेस पार्टी ने इस आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग-अलग पत्र लिखकर यह मांग की।

खरगे ने कहा – "सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन जरूरी"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने पत्र में लिखा:

"इस समय, जब एकता और एकजुटता सबसे ज़रूरी है, विपक्ष चाहता है कि जल्द से जल्द संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाए। यह सत्र 22 अप्रैल को हुए नृशंस हमले के खिलाफ हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति और संकल्प का प्रतीक होगा।"

उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्द निर्णय लेगी।

राहुल गांधी बोले – "देश को एकता दिखानी होगी"

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा:

"हम सभी भारतीय इस हमले से आक्रोशित हैं। यह समय है कि भारत यह दिखाए कि वह आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट रहेगा। विशेष सत्र में सभी जनप्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ता प्रकट कर सकते हैं।"

उन्होंने इस सत्र को राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक बताया।

अन्य विपक्षी दल भी साथ

कांग्रेस के अलावा कई अन्य विपक्षी दल और नेता भी इसी तरह की मांग कर चुके हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और वरिष्ठ वकील व सांसद कपिल सिब्बल ने भी केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की है।

पहलगाम हमले के बाद भारत के अंदर आतंक के खिलाफ एक बार फिर राजनीतिक सहमति बनती दिखाई दे रही है।

सरकार की ओर से हमले की निंदा की गई है और पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत भी दिए गए हैं।

हालांकि विपक्ष अब चाहता है कि सरकार इस हमले पर राष्ट्रीय स्तर पर खुलकर संवाद करे, और संसद इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से एक कड़ा संदेश दे।