प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 का बुधवार को उद्घाटन किया । इसके साथ ही कई मंत्रालयों को नया ठिकाना मिल गया है । यह भवन केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। इस भवन में कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को एक साथ शिफ्ट किया जाएगा। इससे सरकारी कामकाज में बेहतर तालमेल,और तेजी के साथ-साथ खर्च में भी कमी आएगी।
कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का दफ्तर होगा। इस परियोजना के तहत ऐसे कुल 10 भवन बनाए जाने हैं। परियोजना पूरी होने के बाद सरकार को हर साल 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी जो किराए में खर्च होता है ।
कर्तव्य भवन-3 की में क्या-क्या खास है ?
कर्तव्य भवन-3 लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है। इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें हैं । यह एक आधुनिक और सुरक्षित कार्यालय परिसर है जिसमें स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, कमांड सेंटर,सोलर पैनल, ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन और ठोस कचरा प्रबंधन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं ।
इसके अलावा बिल्डिंग की खिड़कियों में विशेष कांच लगाया गया है जो इमारत को ठंडा रखने और ध्वनि प्रदूषण कम करने में मदद करेगा । भवन को इस तरह से डिजाइन किया गया कि इसमें उर्जा की खपत 30 प्रतिशत कम होगी । इसमें ऊर्जा बचाने वाली एलईडी लाइटें, सेंसर और स्मार्ट लिफ्ट लगाई गई हैं।
अगले महीने तैयार होंगे कर्तव्य भवन-1 और 2
शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि कर्तव्य भवन-1 और 2 का काम भी अंतिम चरण में है और अगले महीने तक दोनों भवन तैयार हो जाएंगे । बाकी सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे । इस पूरी परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इन्हें मेट्रो से जोड़ने के लिए इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव भी है । हर भवन की निगरानी के लिए एक केंद्रीय कमांड सेंटर भी बनाया गया है। पहले इन भवनों को कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) कहा जाता था, लेकिन अब इन्हें ‘कर्तव्य भवन’ नाम दिया गया है।
पुरानी इमारतें होंगी खाली, बनाए जाएंगे संग्रहालय
शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अभी मंत्रालय जिन भवनों में काम कर रहे हैं, जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन और अन्य , वे 1950-70 के दशक में बने थे। अब ये काफी पुराने हो चुके हैं और उनके रखरखाव पर काफी ज्यादा खर्च आता है । मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास करीब 55 मंत्रालय और 93 विभाग मौजूद है। ये सभी नार्थ ब्लॉक,साउथ ब्लाक और अन्य भवनों से काम कर रहे हैं ।
नई इमारतें बनते ही नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को खाली कराया जाएगा और उनमें चल रहे मंत्रालयों को वहां शिफ्ट किया जाएगा र । नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में भारत संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें देश के इतिहास, संस्कृति और कला को दिखाया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय और आवास भी नए
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव पहले ही बन चुके हैं। कर्तव्य पथ का भी पुनर्विकास हो चुका है। आने वाले समय में एक नया प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय भी बनेगा । दूसरे चरण में प्रधानमंत्री का नया आवास भी तैयार किया जाएगा।
इस बीच, पुराने कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन को तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कुछ मंत्रालयों को फिलहाल अस्थायी रूप से किराए के भवनों में शिफ्ट किया जा रहा है।