जन सुराज के तीन प्रत्याशियों पर दबाव, नामांकन वापस लेने को मजबूर, भाजपा की साजिशें जारी

Authored By: News Corridors Desk | 22 Oct 2025, 12:54 PM
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जन सुराज के तीन घोषित प्रत्याशियों को या तो नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया या उनसे नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। पहली सीट दानापुर की है। यहां महागठबंधन से बाहुबली अपराधी नेता जेल से चुनाव लड़ते हैं। जनता ने इन बाहुबलियों से डर कर तय किया कि इस बार वहीं के व्यवसायी अखिलेश उर्फ़ मुकुल शाह को जन सुराज से टिकट दिलाया जाए।

 उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के हाथ से सिंबल लिया, लेकिन नामांकन करने नहीं पहुंचे। भाजपा वाले बताते रहे कि राजद के गुंडों ने उन्हें बंधक बना लिया है। लेकिन ये भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ थे। यह भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा है। एक साधारण व्यवसायी को देश का गृह मंत्री बुलाकर अपने पास बैठा ले रहा है। वह क्या कर सकेगा?


दूसरी सीट बक्सर के ब्रह्मपुर की है। यहां से एनडीए की ओर से लोजपा के बड़े बाहुबली हुलास पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। वहां से जन सुराज के प्रत्याशी सत्य प्रकाश तिवारी बड़े डॉक्टर हैं। प्रत्याशी बनने के बाद तीन दिन तक इन्होंने प्रचार किया। सोमवार की सुबह अचानक इन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ली है। इनकी तस्वीर इनके घर पर धर्मेंद्र प्रधान के साथ है। यह पहले नहीं देखा होगा कि चुनाव घोषित होने के बाद एक प्रत्याशी से केंद्र के मंत्री मिल रहे हैं। इनपर दबाव देकर नामांकन वापस कराया गया है। 


इसी तरह की घटना गोपालगंज से जन सुराज के उम्मीदवार डॉ शशि शेखर सिन्हा के साथ भी हुई है। वह गोपालगंज के बड़े नेता रघुनाथ पांडेय के दामाद हैं। परसों तक चुनाव प्रचार कर रहे थे। फिर इनके पास स्थानीय भाजपा नेता पहुंचे और इनपर दबाव बनाकर नामांकन वापस लेने को कहा। उन्होंने इस बात की जानकारी दी और कहा कि मैं जन सुराज के साथ हूं। फिर दो घंटे बाद उन्होंने नामांकन वापस लेकर फोन बंद कर लिया।


जन सुराज के 14 उम्मीदवारों को कई तरह की धमकी दी गई, डराया गया है। 


तीन लोग टूट गए, लेकिन 240 लोग अभी भी हिम्मत से साथ खड़े हैं। चुनाव में सभी बीजेपी के दांत खट्टे कर देंगे।