पूर्णिया में पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद पप्पू यादव की नीयत पर राजनीति गलियारों में सवाल उठने लगे हैं। क्या यह सिर्फ चुनावी रणनीति है या पप्पू यादव सचमुच कांग्रेस और महागठबंधन से दूरी बना रहे हैं? निर्दलीय सांसद का यह कदम महागठबंधन के भीतर उनके भविष्य को लेकर संदेह पैदा कर रहा है। वहीं, इस घटना पर अब तंज और कटाक्षों की भी झड़ी लग गई है। लोग पूछ रहे हैं—“क्या अब पप्पू यादव कांग्रेस के खिलाफ मोदी का प्रचार करने लगे हैं?” उनका यह कदम महागठबंधन में उनकी स्थिति को लेकर मज़ाक और चर्चाओं का भी कारण बन गया है, और हर कोई यह देख रहा है कि उनका अगला राजनीतिक कदम कितना असर डालेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी बिहार के सीमांचल में पूर्णिया में नए हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस मौके पर पप्पू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि “प्रधानमंत्री जी, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की जनता की ओर से हम आपका हवाई अड्डा उद्घाटन करने के लिए धन्यवाद करते हैं। लेकिन जब मखाना किसानों की परेशानियों की बात आती है, तो केवल हमारे नेता राहुल गांधी ही उन्हें सही मायने में समझते हैं। दूसरी ओर, आपकी सरकार उन्हें केवल तकलीफ़ ही देती है।”
पीएम के साथ मंच साझा करने के बाद पप्पू यादव का अलग अंदाज़!
15 सितंबर को पूर्णिया में पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने और हल्की-फुल्की बातचीत करने के कुछ ही घंटे बाद, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक बयान पोस्ट किया। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी मुस्कुराते नजर आए। पप्पू यादव का यह कदम कई लोगों की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा चर्चा में रहा।
छह बार के सांसद और निर्दलीय नेता पप्पू यादव, जिन्होंने अपनी पार्टी (जेएपी-एल) को कांग्रेस में मिला दिया और राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा जताई, अब अलग ही रणनीति अपनाते दिख रहे हैं। उनकी पत्नी और राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन कौर अब उनसे अलग हैं, लेकिन पप्पू यादव अपने निर्दलीय नेता होने के फायदों का पूरा लाभ उठाते नजर आते हैं। एनडीए और महागठबंधन, दोनों से राजनीतिक लाभ लेने की उनकी संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पप्पू यादव की चालाकी या कांग्रेस को मात?
पूर्णिया के लेखक और कॉलमिस्ट गिरिंद्रनाथ झा ने पप्पू यादव की राजनीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “हमारे निर्दलीय सांसद ने प्रधानमंत्री को हंसाया! इस ट्वीट के साथ पप्पू यादव ने साफ़ दिखा दिया, कि उनका मोदी और राहुल गांधी, दोनों से बराबर लगाव है। मोदी एयरपोर्ट के लिए, राहुल मखाने के लिए! असली फायदा तो निर्दलीय होने का ही है, और इसे हमारे सांसद बड़ी चतुराई से उठा रहे हैं।”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव की हरकतों को कई लोग कांग्रेस से अधिक से अधिक लाभ लेने की चालाक योजना मान रहे हैं। अब आप हमे कमेंट सेक्शन मे बताइये कि क्या निर्दलीय सांसद पप्पू यादव कांग्रेस को चतुराई से मात देकर उसे 'पप्पू' बनाने की कोशिश कर रहे हैं।