रात के अंधेरे में आसिम मुनीर की सेना ने पाकिस्तानियों पर बरसाए बम: 30 से ज्यादा ने गंवाई जान!

Authored By: News Corridors Desk | 22 Sep 2025, 06:36 PM
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रात का अंधेरा आसमान में गूंजते जेट की आवाजें और फिर अचानक बमों की बारिश ये बम दुश्मनों पर नहीं, अपने ही लोगों बरसाए गए और वो भी पाकिस्तान में आखिर क्यों आसिम मुनीर की सेना ने अपने ही नागरिकों को  बनाया निशान? क्या है इस हमले के पीछे की सच्चाई? पाकिस्तान वायुसेना, जो आतंकियों को निशाना बनाने निकली थी, उसने खैबर पख्तूनख्वा के तिराह वैली में अपने ही लोगों पर बमबारी कर दी। इस भयानक हमले में 30 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना सोमवार (22 सितंबर) तड़के 2 बजे के आसपास हुई, जब पाकिस्तानी J-17 लड़ाकू विमानों ने मत्रे दारा गांव पर आठ LS-6 बम गिराए। इन बमों ने गांव के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया, कई घर मलबे में बदल गए और 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों को निशाना

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि वे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बना रहे थे, लेकिन स्थानीय लोगों और सूत्रों का कहना है कि सभी मरने वाले आम नागरिक थे। TTP एक खतरनाक आतंकी संगठन है, जिसके पास 6,000 से ज्यादा लड़ाके और कई ट्रेनिंग कैंप हैं। यह संगठन खैबर के इलाके में सक्रिय है, जो अफगानिस्तान सीमा के पास है। पाकिस्तान का आरोप है कि TTP को अफगानिस्तान से समर्थन मिलता है, जो वहां कट्टर इस्लामी शासन चाहता है।

इस हमले के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया है। विपक्षी पार्टी PTI ने दावा किया कि कम से कम 20 शव मलबे से निकाले गए हैं और इसे "मानवता के खिलाफ अपराध" बताया। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पाकिस्तानी सेना पर अपने ही लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगा रहे हैं। खैबर, जहां यह घटना हुई, इमरान खान का राजनीतिक गढ़ है, और उनकी पार्टी वहां सत्ता में है। इमरान और पाकिस्तानी सेना के बीच पहले से तनाव है, जिसके चलते कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह हमला गलती थी या जानबूझकर किया गया?

खैबर पख्तूनख्वा में 700 से ज्यादा आतंकी हमले हो चुके हैं

पाकिस्तानी सेना और सरकार ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। दूसरी ओर, इस साल खैबर पख्तूनख्वा में 700 से ज्यादा आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें 258 जवान और 138 नागरिक मारे गए हैं। सेना ने हाल ही में डेरा इस्माइल खान में 7 आतंकियों को मारने का दावा भी किया था। लेकिन इस ताजा घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या सेना की रणनीति सही है, या यह आम लोगों के लिए और खतरा पैदा कर रही है?

पाकिस्तान की इस रात ने न सिर्फ 30 से ज्यादा जिंदगियां छीनीं, बल्कि कई सवाल भी खड़े किए। क्या ये सिर्फ एक गलती थी, या फिर सत्ता की जंग में एक नया अध्याय? सच जो भी हो, तिराह घाटी के लोग आज खौफ में जी रहे हैं।