ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ कानून को इस तरह बनाया गया है कि मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों की जमीनें मुस्लिम समुदाय से छीनी जा रही हैं।
ओवैसी ने कहा, "यह कानून मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को छीनने के लिए बनाया गया है। जब आपकी और मेरी पहचान मस्जिद से है, तो हम चाहे किसी भी पार्टी से हों, हमें शरीयत और मस्जिद पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए।"
गोल गुम्बद दरगाह का दिया उदाहरण
ओवैसी ने अपने भाषण में कुरनूल की ऐतिहासिक गोल गुम्बद दरगाह का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "जबसे वक्फ कानून बना है, तबसे वक्फ बोर्ड उसका मालिक नहीं रह गया, अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) उसका मालिक है।"
AIMIM प्रमुख ने वक्फ मुद्दे को लेकर केवल केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि NDA के सहयोगी दलों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने विशेष तौर पर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण को निशाने पर लिया।
ओवैसी ने लोगों से अपील की, "मैं आपसे कहता हूं कि बेखौफ होकर टीडीपी को छोड़ दीजिए और यह पैगाम दीजिए कि आप शरीयत, संविधान और मस्जिद पर कोई समझौता नहीं करेंगे।"
कांवड़ यात्रा के बहाने ‘नफरत’ फैलाने का आरोप
ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में चल रही कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन और कुछ संगठनों की गतिविधियों पर सवाल उठाए। उन्होंने मुजफ्फरनगर में हुई एक घटना का हवाला देते हुए बताया कि किस तरह एक दुकान पर जाकर संघ से जुड़े लोगों ने दुकानदार से आधार कार्ड मांगा और नाम पूछकर उसके साथ बदसलूकी की।
उन्होंने कहा, "बाद में मालूम हुआ कि जिससे गुस्सा किया जा रहा था, वह हिंदू था और उसका नाम गोपाल था। इससे साफ होता है कि देश में पहचान के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है।"
AIMIM प्रमुख ने ऐसी घटनाओं को देश में बढ़ रही सांप्रदायिक नफरत का उदाहरण बताया और इन गतिविधियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने प्रशासन से भी सवाल किया कि आखिर ऐसी घटनाओं को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है।