वन नेशन, वन इलेक्शन का ‘राम बाण’, मोदी का संदेश घर-घर पहुँचा रहे बंसल

Authored By: News Corridors Desk | 15 Apr 2025, 04:02 PM
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'भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' बेहद जरूरी है । यह देश के लिए स्पीड ब्रेकर हटाने जैसा है । यह 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है ।' 

ये बातें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में पसमांदा मुस्लिम संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। 'एक राष्ट्र एक चुनाव' विषय पर इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच द्वारा किया गया था। सुनील बंसल इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।  

'बार-बार चुनाव होने से विकास की गति बाधित होती है'

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सुनील बंसल ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश में विकास की गति बाधित होती है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की वकालत करती है। 

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आंकड़ों का हवाला देते हुए सुनील बंसल ने बताया कि वर्तमान में भारत में एक लोकसभा चुनाव पर करीब 1,35,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जबकि पूरे चुनावी चक्र में यह राशि 4 से 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है।यदि सभी चुनाव एक साथ हों तो करीब 4 से 5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी जो कि देश की GDP के 1.5 प्रतिशत के बराबर है। 

सरकार मतदान प्रक्रिया में एक वोट के पीछे क़रीब 1400 रुपये खर्च करती है। जब हर साल कोई न कोई चुनाव होता है, तो यह खर्च कई गुना बढ़ जाता है। इसी तरह बार-बार चुनाव होने से राजनीतिक पार्टियों का भी काफी पैसा खर्च होता है। यदि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हों तो खर्च में भारी कटौती की जा सकती है। 

' बार-बार चुनाव से सरकारी योजना बाधित होती है '

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सिर्फ चुनावी खर्च ही नहीं बढ़ता है बल्कि सरकार की कल्याणकारी और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री ही नहीं बल्कि अधिकारी वर्ग भी व्यस्त रहते हैं। इसकी वजह से कई योजनाएं जमीनी स्तर तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाती हैं। 

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चुनावों के दौरान सरकारी तंत्र किस कदर व्यस्त रहता है इस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 1 करोड़ से अधिक लोगों की ड्यूटी लगी और इसमें 3 महीने का समय गया। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर यह एक बड़ी चुनौती बन गया है।भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि यदि देश में एक साथ चुनाव होते हैं तो सरकारें अपने कार्यकाल में ठोस नीतिगत फैसले भी ले सकेंगी। बार-बार चुनाव होने से कई बार कठोर निर्णय लेने की स्थिति नहीं बन पाती। इसका सीधा असर राष्ट्र के विकास पर पड़ता है। 

सुनील बंसल ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव होते हैं तो देश में राजनीतिक खींचतान भी कम होगी और विकास का काम ज्यादा होगा। इससे युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक वैमनस्यता कम होगी और बेहतर कामकाज करने की राजनीति को बढ़ावा मिलेगा। 

पीएम मोदी के विजन को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब से सत्ता संभाली है तब से वो 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बात कर रहे हैं। इसको लेकर देश भर में सहमति बनाने की कोशिशें जारी है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें मुख्य रूप से पीएम मोदी के इस विजन को जन-जन तक पहुंचाने और उन्हें एक देश एक चुनाव का फायदा समझाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

सुनील बंसल लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न समूहों और बुद्धिजीवियों के साथ संगोष्ठियां और कार्यक्रम के जरिए इस सार्थक विमर्श को आगे बढ़ा रहे हैं। दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में आयोजित कार्यक्रम भी इसी मुहिम का हिस्सा है। टीम मोदी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज 'एक राष्ट्र एक चुनाव' सिर्फ बुद्धिजीवियों ही नहीं बल्कि सार्वजनिक संवाद का हिस्सा बन चुका है ।