सरकार ने डिजिटल पहचान प्रक्रिया को और भी आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नया Aadhaar Authentication App लॉन्च किया है। फिलहाल यह ऐप बीटा वर्जन में है और इसका उद्देश्य लोगों की डेटा प्राइवेसी बनाए रखना और पहचान की पुष्टि की प्रक्रिया को तेज़ और आसान बनाना है।
इसकी घोषणा केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की और उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर इसका डेमो भी शेयर किया।
कैसे काम करता है यह नया ऐप?
इस ऐप का इंटरफेस UPI की तरह सरल और यूजर फ्रेंडली है।
पहचान की पुष्टि के लिए अब न कार्ड की जरूरत, न ही उसकी फोटोकॉपी की।
इस प्रकार है प्रक्रिया:
QR कोड स्कैन करें: जहां पहचान की जरूरत है वहां एक यूनीक QR कोड होगा जिसे ऐप से स्कैन किया जाएगा।
फेस स्कैन करें: ऐप कैमरा खोलकर आपकी सेल्फी लेगा और UIDAI डेटा से मिलान करेगा।
जरूरी जानकारी साझा होगी: सिस्टम सिर्फ वही जानकारी साझा करेगा, जो उस वेरिफिकेशन के लिए जरूरी है – बाकी डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
क्या होंगे इसके फायदे?
डेटा प्राइवेसी का पूरा ध्यान: सिर्फ आवश्यक जानकारी ही शेयर होगी।
फिजिकल कार्ड की जरूरत नहीं: अब कार्ड या फोटोकॉपी ले जाना ज़रूरी नहीं।
फेक डॉक्युमेंट से सुरक्षा: चेहरा पहचानने वाली तकनीक से फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।
साइबर फ्रॉड में कमी: बिना यूजर की अनुमति, कोई जानकारी साझा नहीं हो सकेगी।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: पहचान की प्रक्रिया और तकनीकी रूप से सशक्त होगी।
किन बातों का रखना होगा ध्यान?
हालांकि यह ऐप एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन कुछ सावधानियां जरूरी हैं:
अभी बीटा वर्जन में है: आम लोगों के लिए अभी Google Play Store पर उपलब्ध नहीं है।
फर्जी ऐप्स से सतर्क रहें: कोई कॉल, लिंक या वेबसाइट के जरिए ऐप डाउनलोड कराने की कोशिश करे तो सतर्क रहें।
इंटरनेट जरूरी: ऐप चलाने के लिए अच्छा इंटरनेट कनेक्शन आवश्यक होगा।
फेस स्कैन की सीमाएं: बुजुर्गों या कम रोशनी में स्कैनिंग में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
कहां-कहां इस्तेमाल होगा यह ऐप?
इस ऐप का इस्तेमाल उन सभी जगहों पर किया जा सकेगा जहां आधार आधारित पहचान की जरूरत होती है, जैसे:
होटल चेक-इन
एयरपोर्ट पर बोर्डिंग
बैंक में खाता खोलना
सरकारी दफ्तरों में वेरिफिकेशन